यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य के पुलिस अधिकारियों से कहा है कि राज्य में रिश्वतखोरी और अपराध बढ़ रहा है, इसे फौरन खत्म किया जाए। मौर्य का यह निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके बीच जारी सत्ता संघर्ष का ताजा मामला है। ताजा घटनाक्रम से भाजपा के राजनीतिक हलकों में चिंता बढ़ गई है।
लोकसभा चुनाव के बाद योगी और मौर्य के बीच विवाद ज्यादा बढ़ा। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को जबरदस्त झटका लगा। पार्टी की समीक्षा बैठक में मौर्य ने पहला हमला बोला और कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है। उस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे। बाद में मौर्य ने इस जुमले को ट्वीट भी कर दिया। लोकसभा आम चुनाव 2024 में भाजपा सिर्फ 33 सीटें यूपी में जीत सकी, जबकि 2019 में 62 सीटें उसने जीतीं थीं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने यूपी में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया।
इस खींचतान के बाद डिप्टी सीएम मौर्य नियमित रूप से एक्स पर पार्टी विधायकों के साथ अपनी बैठकों की तस्वीरें साझा कर रहे हैं। मौर्य 8 जून को योगी की अध्यक्षता में उपचुनाव की तैयारी बैठक और 22 जुलाई को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक से पहले 22 जुलाई को वाराणसी में अपने मंत्रियों की एक और बैठक से भी गैरहाजिर थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने योगी और मौर्य में सुलह कराने की कोशिश की लेकिन वो कोशिशें भी नाकाम हो गईं।
सोमवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मौर्य ने फिर कहा कि सरकार नहीं, बल्कि पार्टी ही हमेशा चुनाव लड़ती और जीतती है।
मौर्य ने कार्यकर्ताओं से कहा- “क्या 2014 में बीजेपी की सरकार थी? मुझे बताओ, हम जीते या नहीं? क्या 2017 में सरकार थी? हम जीते या नहीं? जब सरकार नहीं थी तो हम जीते। जब सरकार बनी तो यह सोच थी कि हम सरकार पर निर्भर हैं, लेकिन सरकार के दम पर कोई चुनाव नहीं जीत सकता। यह वह पार्टी है जो लड़ती है और वह पार्टी है जो जीतती है।” मौर्य ने कार्यकर्ताओं से 2027 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए बड़ी जीत का लक्ष्य रखते हुए ये बातें कहीं लेकिन इसमें भी निशाने पर योगी थे।
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