मथुरा के मंदिर में नमाज़ पढ़े जाने के बाद अब ईदगाह में हनुमान चालीसा पाठ पढ़े जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में बिना किसी शिकायत के ही पुलिस ने 4 युवकों को गिरफ़्तार किया है। ईदगाह की ओर से हनुमान चालीसा पाठ करने पर कोई आपत्ति नहीं की गई है और कहा गया है कि कोई धार्मिक काम ही तो हुआ है, इससे कोई दिक्कत नहीं है।
मथुरा के बाहर गोवर्धन शहर की ईदगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने का मामला मंगलवार को आया। यानी मथुरा के नंदगांव के नंद महल मंदिर में नमाज़ पढ़े जाने के विवाद होने के एक दिन बाद। लगता है कि ईदगाह का मामला मंदिर में नमाज़ पढ़ने की प्रतिक्रिया में हुआ।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, ईदगाह के इमाम नेक मोहम्मद ने कहा कि उन्हें चार लोगों द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ पढ़े जाने पर कोई आपत्ति नहीं है और उन्होंने इसकी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। नेक मोहम्मद ने कहा, 'अगर मसजिद में कुछ धार्मिक पुस्तक पढ़ते हैं तो इसमें ख़राब बात नहीं है।'
मथुरा के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने भी बताया कि अभी तक पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है और पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चार लोगों को हिरासत में ले लिया है। बाद में उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए गिरफ्तारी) के तहत 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बहरहाल, जिस मंदिर मामले से इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई है उस मामले ने तब तूल पकड़ा था जब सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथियों ने इसके ख़िलाफ़ अभियान चलाया। सोशल मीडिया पर वह नमाज़ पढ़ने वाली तसवीर वायरल हुई।
इस बीच सोमवार को नंदगाँव मंदिर के पुजारी कान्हा गोस्वामी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस कार्रवाई की गई थी।
वायरल हुई तसवीर में फैजल ख़ान और मोहम्मद चांद नमाज़ पढ़ते दिख रहे हैं। उनके साथ दो हिन्दू भी मंदिर परिसर में थे- नीलेश गुप्ता और आलोक रत्न। सभी के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज हुए हैं। फैजल की गिरफ्तारी हो चुकी है और उन्हें 14 दिन की हिरासत में भी भेजा जा चुका है। मंगलवार को फैजल पर दो और आरोप लगाए गए। ये आरोप हैं भेष बदलने और धोखाधड़ी करने के।
अपनी राय बतायें