यूनिवर्सिटी हॉस्टल के छात्र रात को पढ़ाई के बाद अक्सर चाय पीने निकलते हैं। शुक्रवार देर रात जब सुभाष हॉस्टल के छात्र चाय पीने निकले तो आरोप है कि पुलिस वालों ने कुछ छात्रों को पीटा। छात्र वापस हॉस्टल लौटे और अपने साथी छात्रों को सूचना दी। इसके बाद तमाम छात्रों ने हसनगंज थाने पर पहुंचकर प्रदर्शन शुरू किया। इन छात्रों को आइसा का भी समर्थन मिला।
आइसा के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि शुक्रवार देर रात जब सुभाष हॉस्टल के छात्र चाय पीकर लौट रहे थे तो पुलिस वालों ने उनको जबरन रोका और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद छात्रों ने थाने पर प्रदर्शन किया। आइसा के छात्र नेताओं ने कहा कि यह अब रोजमर्रा की घटना हो गई है। पुलिस आए दिन रात में छात्रों को पकड़ लेती है और उन्हें पीटती है। आखिर छात्र कब तक इस जुल्म को बर्दाश्त करेंगे। छात्र नेताओं ने कहा कि हॉस्टल छात्र पढ़ाई के बाद सर्दी के मौसम में अक्सर चाय पीने बाहर निकलते हैं। लेकिन पुलिस उनके पीछे पड़ी हुई है।
Late night hostel students protest against the brutal crackdown of Lucknow Police on students.
— AISA Lucknow University (@aisa_lkouniv) December 17, 2022
Students were returning to their hostel after having tea. They were interrogated and later lathicharged.
Hostel students have taken the streets against such repeated incidents. pic.twitter.com/FHBbxyzqGO
शुक्रवार देर रात के घटनाक्रम के बाद जूनियर और सीनियर छात्रों में शनिवार सुबह आपस में भी मारपीट हुई। प्रदर्शन के दौरान ही हबीबुल्लाह, महमूदाबाद हॉस्टल के छात्र एक तरफ हो गए और लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल के छात्र दूसरी तरफ हो गए। आरोप है कि एमबीए सेकंड ईयर के छात्र किशन पांडे को जूनियर छात्रों ने पीटा। किशन ने पुलिस को जो शिकायत दी है, उसमें आरोप लगाया है कि हबीबुल्लाह और महमूदाबाद हॉस्टल के छात्र अर्जुन सिंह, सक्षम मिश्रा, आयुष राय और प्रशांत आदि ने उसे डंडे, बेल्ट और ईंट से पीटा।
लखनऊ यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि कुछ छात्रों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है। छात्र चाय पीने रात को बाहर निकले थे। पुलिस अधिकारियों से इस संबंध में बात की गई है। उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है।
उत्तर प्रदेश: लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने रात 10 बजे के बाद छात्रावास में छात्रों के आने-जाने पर रोक लगाई। pic.twitter.com/wmHUh0Rsvq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2022
इन्हीं घटनाक्रमों के बीच लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शनिवार शाम को हॉस्टल के छात्रों के रात 10 बजे के बाद निकलने पर ही पाबंदी लगा दी। इस संबंध में जारी नोटिस में कहा गया है कि अगर किसी छात्र ने इसका उल्लंघन किया तो उस पर कार्रवाई होगी। छात्र इस नोटिस पर आपत्ति जता रहे हैं कि पढ़ाई के लंब अंतराल के बाद इस सर्दी में उन्हें चाय की जरूरत होती है, जो बाहर ही मिल सकती है। यूनिवर्सिटी प्रशासन पुलिस पर दबाव बना नहीं पा रहा है और उल्टा पुलिस के दबाव में मनमाने तरीके से हॉस्टल छात्रों को नोटिस जारी कर रहा है।
इस बीच यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में पुलिस बल ठहराए जाने पर भी छात्र आपत्ति जता रहे हैं। विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान छात्रों का धरना-प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस बलों को फाइन आर्ट के हॉस्टल में ठहरा दिया गया है। इससे छात्रों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा रहा है। इस मुद्दे पर एनएसयूआई के छात्रों ने प्रदर्शन भी किया। छात्र नेताओं ने कहा कि कैंपस में और हॉस्टल में पुलिस को ठहराए जाने का क्या मकसद है। प्रशासन ने धारा 144 वैसे ही लगा रखी है। यह सब छात्रों पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि 5 दिसंबर को लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर प्रदर्शन किया था, जिस पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। उस समय से माहौल में तल्खी है।
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