लखीमपुर खीरी में किसानों और बीजेपी नेताओं के बीच हुए संघर्ष के बाद एक ही सवाल आम लोगों की जुबां पर है कि आख़िर इस मामले में आरोपी मंत्री पुत्र की गिरफ़्तारी कब होगी। सवाल जायज भी है क्योंकि मंत्री पुत्र मीडिया को बाइट दे रहे हैं, अपनी बात रख रहे हैं लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है। ऐसा क्या उनके पिता के सियासी रसूख की वजह से है, यह सवाल ज़रूर उठता है।