लखीमपुर खीरी के वाकये के बाद चर्चा में आए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा आज सरेंडर कर सकते हैं। कई ख़बरिया चैनलों ने इस बात को कहा है। योगी सरकार और उत्तर प्रदेश की पुलिस आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी को लेकर जबरदस्त दबाव में है। क्योंकि इस वाकये के बाद एक ही सवाल आम लोगों की जुबां पर है कि आख़िर आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी कब होगी।
यह सवाल सही भी है क्योंकि आशीष मिश्रा मीडिया को खुलकर बाइट दे रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है।
आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से कथित रूप से किसानों को रौंद दिया। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 4 किसान भी शामिल हैं। इसे लेकर मिश्रा के ख़िलाफ़ हत्या की एफ़आईआर भी दर्ज हो चुकी है।
लेकिन अभी तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और इसे लेकर विपक्ष योगी सरकार और बीजेपी पर बुरी तरह हमलावर है। विपक्ष के तमाम नेता सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि आख़िर आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी कब होगी लेकिन सरकार इस पर पूरी तरह चुप है।
बेटे के बचाव में उतरे टेनी
घटना के बाद से ही केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी अपने बेटे का खुलकर बचाव कर रहे हैं। उनका कहना है कि घटना के दौरान उनका बेटा थार गाड़ी में मौजूद नहीं था और अगर कोई इसे साबित कर दे तो वे मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे देंगे। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि यह थार गाड़ी उनकी ही है।
टेनी का कहना है कि उनका बेटा आशीष मिश्रा सुबह 11 बजे से शाम तक उस कार्यक्रम स्थल पर था, जहां दंगल हो रहा था और इसके फ़ोटो और वीडियो भी उपलब्ध हैं।
ख़ुद आशीष मिश्रा ने भी कहा है कि उन पर लगे वे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं, जिनमें कहा गया है कि वह उस काफिले में शामिल थे, जिसमें शामिल गाड़ियों ने किसानों को रौंद दिया।
आशीष मिश्रा को जल्द से जल्द गिरफ़्तार करने की मांग जोर पकड़ रही है, ऐसे में यह संभव है कि वह आज सरेंडर कर दें।
संकट में करियर
आशीष मिश्रा को टेनी का राजनीतिक वारिस माना जाता है। लेकिन लखीमपुरी खीरी में किसानों की मौत के मामले के बाद टेनी के साथ ही आशीष मिश्रा के राजनीतिक करियर पर भी संकट के बादल छा गए हैं। आशीष मिश्रा 2022 में निघासन सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इस सीट से उनके पिता विधायक रह चुके हैं।
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