लखीमपुर खीरी में मंत्री पुत्र की गाड़ी से किसानों को कुचल डालने की नापाक घटना के बाद देश भर के किसान जबरदस्त ग़ुस्से में हैं। इस बीच, आज मारे गए किसानों की अंतिम अरदास में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई प्रमुख किसान नेता भी तिकुनिया में हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अंतिम अरदास में शामिल हुई हैं।
अंतिम अरदास के बाद बाद किसानों के शरीर की राख को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों, पंजाब के गुरुद्वारों और देश के सभी राज्यों में ले जाया जाएगा।
उधर, सोमवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह माना जा रहा है कि अजय मिश्रा को लेकर बीजेपी जल्द कोई फ़ैसला कर सकती है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
इतनी बड़ी संख्या में किसानों और नेताओं के आने के कारण शासन-प्रशासन भी चौकन्ना है। लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और कई जिलों के पुलिस अधिकारियों को भी तिकुनिया में तैनात किया गया है। तिकुनिया में जहां पर किसानों को कुचले जाने की घटना हुई थी, वहां पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है और प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
बैकफुट पर है बीजेपी
लखीमपुर की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी पूरी तरह बैकफ़ुट पर है। प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का यह बयान कि हम नेतागिरी में किसी को फ़ॉर्च्यूनर से कुचलने नहीं आए हैं, इससे पता चलता है कि पार्टी अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे के कारण मुसीबत में फंस गई है।
विपक्ष को मिला बूस्टर डोज
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई इस घटना की वजह से किसान और विपक्ष को बूस्टर डोज मिल गया है। इस घटना के बाद से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में किसान और विपक्ष आंदोलित है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 5 महीने के भीतर विधानसभा के चुनाव होने हैं और किसान मुज़फ्फरनगर की महापंचायत में बीजेपी को हराने का एलान कर चुके हैं।
कांग्रेस का मौन व्रत
कांग्रेस ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर मौन व्रत रखा था। ख़ुद प्रियंका गांधी लखनऊ में मौन व्रत पर बैठी थीं। विपक्ष ने जिस तरह इस घटना को लेकर बीजेपी के ख़िलाफ़ हल्ला बोल दिया है, उससे योगी सरकार बुरी तरह घिर गई है।
किसानों की मांग है कि अजय मिश्रा टेनी को मोदी कैबिनेट से हटाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद 26 अक्टूबर को लखनऊ में मुज़फ्फरनगर की महापंचायत की तर्ज पर रैली की जाएगी।
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