पुलिस के सूत्रों के मुताबिक़, तिवारी के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में जो संदिग्ध लोग दिखाई दे रहे हैं, वे ट्रेन के द्वारा गुजरात से कानपुर आये थे और इसके बाद किसी और वाहन से लखनऊ आये। सूत्रों के मुताबिक़, इनकी अंतिम लोकेशन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मिली है।
शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि यूपी पुलिस ने इस मामले में और सबूत जुटाने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र एटीएस से संपर्क साधा था। उन्होंने यह भी कहा था कि सीसीटीवी फ़ुटेज में जो महिला दिखाई दे रही है, उससे भी पूछताछ की जा चुकी है। पुलिस का मानना है कि वह हत्याकांड में शामिल नहीं है।
Lucknow police:Received inputs about 2 suspects, Sheikh Ashfaq Hussain&Pathan Moinuddin Ahmed were staying at Hotel Khalsa. A saffron coloured garment & a towel with blood stains were found in room.Hotel Manager says,'After seeing the footage on TV,we checked IDs&informed police' pic.twitter.com/FlOC1ElKZ5
— ANI UP (@ANINewsUP) October 20, 2019
शनिवार को कमलेश तिवारी की माँ ने शिव कुमार गुप्ता नाम के एक बीजेपी नेता पर उनके बेटे की हत्या करवाने का आरोप लगाया था। तिवारी की माँ ने कहा था कि उनके बेटे की सुरक्षा बढ़ाने की लगातार माँग की जा रही थी लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा नहीं बढ़ाई थी।
कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम तिवारी ने कहा था कि उन्हें नहीं पता है कि जो लोग पकड़े गए हैं उन्हीं लोगों ने उनके पिता का मर्डर किया है या साज़िश के तहत बेकसूर लोगों को फंसाया जा रहा है। सत्यम ने कहा था कि उनके पिता की हत्या के केस की जाँच एनआईए (एनआईए) को करनी चाहिए क्योंकि उन्हें प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं है।
मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि तिवारी की हत्या में शामिल अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार के सदस्यों की आज शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात हो सकती है।
डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को कहा था कि गुजरात के सूरत के रहने वाले तीन मुसलमान युवक कमलेश तिवारी के द्वारा 2015 में पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिये गये बयान से बेहद आक्रोशित थे। इन तीनों के नाम फ़ैज़ान युनूस भाई, मौलाना मोहसिन शेख और राशिद अहमद खुर्शीद पठान बताये गये हैं।
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