हाथरस भगदड़ कांड को जिस तरह यूपी सरकार ने दबाया, उसका सच सामने आ गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद हाथरस जाकर कहा था कि इस कांड की जांच हर पहलू से की जाएगी, इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं थी, किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। लेकिन हाथरस की अदालत में सौंपी गई 3,200 पन्नों की पुलिस चार्जशीट में स्व-घोषित धर्मगुरु सूरजपाल, जिन्हें भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है, का नाम शामिल नहीं है। उसे 2 जुलाई को फुलराई गांव में हुई भगदड़ से संबंधित 11 आरोपियों में सूचीबद्ध नहीं किया गया है, जिसमें दो महिला स्वयंसेवक भी शामिल हैं। हाथरस भागदड़ कांड में 121 लोगों की मौत हो गई थी।