राष्ट्रपति के चुनावी जंग में अमेरिकियों के बीच दो घटनाएं खासी महत्वपूर्ण हो गई हैं: पहली घटना का संबंध ईरान- इसराइल जंग से है; दूसरी है उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट मनोनीत टिम वाल्ज और रिपब्लिकन के जे. डी. वैंस के बीच हुई बहस। यह भी इत्तफ़ाक़ है कि बहस के ही रोज़ ईरान ने इसराइल पर मिसाइलों की बरसात कर डाली। ईरान ने पहली दफ़ा यहूदी राष्ट्र इसराइल के ख़िलाफ़ बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया और राजधानी तेल अवीव निशाना बना। बहस के समय तक 200 से अधिक मिसाइलें दागी जा चुकी थीं। ज़ाहिर है, बहस पर इस असली जंग की छाया न पड़े, यह कैसे हो सकता था। बहस का आग़ाज़ ही इसराइल पर ईरान के ताज़ा हमले से हुआ। दोनों परस्पर विरोधी नेताओं ने अपने अपने अंदाज़ में इसराइल की रक्षा की बात की, और ईरान को दोषी ठहराया। यह भी कहना था कि अमेरिका अपने मित्र देश को अकेला नहीं छोड़ेगा। यह सही भी है, अमेरिका ने इसराइल को हमले की अग्रिम चेतावनी दे दी थी और कई मिसाइलों को आकाश में बेअसर भी किया। दोनों नेताओं का यह भी समान स्वर था कि  ईरान-इसराइल जंग क्षेत्रीय जंग का रूप ले सकता है। जंग का विस्तार हो सकता है। जंग के नतीज़ों को भुगतने के लिए ईरान को तैयार रहना चाहिए।