“अमेरिकियों ने लोकतंत्र के शिष्टाचार का ही स्वाद चखा है जो कि वास्तविक लोकतंत्र से बिलकुल भिन्न है। मतदाताओं ने धन-सम्पति में गहरी विषमताओं को स्वीकार कर लिया है, और इस अपेक्षा के साथ कि उनके द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि उनसे भिन्न नहीं निकलेंगे।”  नैंसी इसन्बर्ग (वाइट ट्रैश, पृ.16 )