हाथरस हादसे में घायलों और मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कराई जाएगी। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें दंडित किया जाएगा। योगी ने कहा कि घटना की गहन जांच के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को न्यायिक जांच में शामिल किया जाएगा। जांच का मकसद यह तय करना भी है कि क्या यह एक साजिश थी।
हाथरस में अब तक जो हुआ
- मंगलवार 2 जुलाई को 12.55 बजे रतिभानपुर सत्संग में नारायण साकार हरि जाटव उर्फ 'भोले बाबा' का प्रवचन शुरू
- मंगलवार 2 जुलाई को 1.55 पर सत्संग में भगदड़ मची। लोग कथित बाबा के चरणों की धूल लेना चाहते थे। बाबा के सहयोगी ने लोगों को रोका और लोग एक दूसरे पर टूट पड़े
- बुधवार 3 जुलाई को एफआईआर दर्ज। एफआईआर में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया। बाबा का नाम गायब
- बुधवार 3 जुलाई को पुलिस ने मुख्य आरोपी और बाबा को पकड़ने के लिए छापे मारे। घरों पर कोई नहीं मिला। यानी घटना के 20 घंटे बाद भी सुराग नहीं
- बुधवार 3 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे, न्यायिक जांच और साजिश का पता लगाने की घोषणा की
- बुधवार 3 जुलाई को यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय रॉय का हाथरस दौरा। कहा- मरने वालों की तादाद प्रशासनिक इंतजाम ठीक से नहीं होने की वजह से बढ़ी
- बुधवार 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर
हाथरस के डीएसपी सुनील कुमार ने कहा कि स्वयंभू बाबा की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाने के बाद भोले बाबा नहीं मिले। पुलिस टीम रात को ही बाबा को तलाशने चली गई थी। लेकिन तथ्य यह है कि तमाम प्रत्यक्षदर्शियों ने कैमरे के सामने बयान दिए हैं कि हादसे के बाद बाबा वहां करीब एक घंटे तक रहा। जब तक पुलिस पहुंची, बाबा घटनास्थल से फरार हो गया। मैनपुरी पहुंचने में कई घंटे लगते हैं लेकिन पुलिस उसे तलाशने मैनपुरी जा पहुंची। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार सुबह हाथरस में घायलों का हालचाल लेने पहुंचे।
मंगलवार को जब हादसा हुआ तो योगी ने फौरन ही चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को मौके पर जाने को कहा। डीजीपी का बयान आया कि किसी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। मंगलवार रात में एफआईआर लिखी गई और जब कॉपी सामने आई तो नारायण साकार उर्फ हरि जाटव भोले बाबा का नाम उसमें नहीं था। 116 लोगों की दर्दनाक मौत के जिम्मेदार पुलिस के मुताबिक सिर्फ मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर है। प्रशासन और पुलिस पर भी एफआईआर नहीं हुई न कोई जिक्र हुआ। पुलिस का कहना है जांच चल रही है। लेकिन पुलिस दूसरी तरफ यह भी कह रही है कि वो बाबा को तलाश रही है।
पुलिस के मुताबिक एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 238 (सबूतों को गायब करना) के तहत दर्ज की गई है।
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