ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकेगी। ऐसा इस वजह से हुआ है क्योंकि वकील अपनी कुछ मांगों को लेकर 2 दिन की हड़ताल पर हैं। अब वाराणसी की अदालत इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख का एलान करेगी।
बुधवार को दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई होनी थी। इसमें एक मामला महिला पक्ष की ओर से शिवलिंग और उसके आसपास के परिसर को लेकर दायर याचिका का था जबकि दूसरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई होनी थी।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंगलवार को इस मामले में कहा गया था कि मुसलमानों को मस्जिद में वजू करने और नमाज पढ़ने से नहीं रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां पर शिवलिंग मिलने की बात कही गई है, उस इलाके की सुरक्षा की जाए। यह व्यवस्था अगली तारीख तक के लिए की जा रही है। अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
अजय मिश्रा को हटाया
अदालत ने मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया जबकि बाकी दोनों कोर्ट कमिश्नर को बरकरार रखा गया है। मुसलिम पक्ष लगातार अजय मिश्रा को हटाने की मांग कर रहा था। पहले अदालत ने इस मांग को ठुकरा दिया था लेकिन अब अदालत ने इस मामले में खुद ही कार्रवाई की है।
अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी बेहद अहम होती है और उन्हें बेहद पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए।
फव्वारे और शिवलिंग पर लड़ाई
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद से हिंदू और मुस्लिम पक्ष एक नई लड़ाई में उलझ गए हैं। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के अंदर से जो आकृति मिली है वह शिवलिंग की है जबकि मुस्लिम पक्ष ने साफ कहा है कि यह फव्वारा है।
मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने आज तक से बातचीत में कहा कि शिवलिंग का दावा करने वाला जो वीडियो वायरल हो रहा है वही दृश्य मस्जिद के अंदर दिखा है लेकिन शिवलिंग का दावा गलत है। अंसारी ने कहा कि वह 100 फीसद दावे के साथ कह रहे हैं कि वह फव्वारा है।
सर्वे पूरा होने के बाद भी ज्ञानवापी मस्जिद और इससे सटे काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई है। प्रशासन ने पूरे इलाके को सील कर दिया है।
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