किसान आंदोलन के चलते उत्तर प्रदेश में ख़ुद को अपराजेय मान रही योगी सरकार के पसीने छूट रहे हैं। दिल्ली में चल रहे इस आंदोलन का व्यापक प्रभाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखा जा रहा है तो अब इसने पूर्वी हिस्से में भी पाँव पसारना शुरू कर दिया है। किसान पंचायतें अब पश्चिम के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी शुरू हो गयी हैं और किसान नेता राकेश टिकैत व नरेश टिकैत इनमें हिस्सा ले रहे हैं। किसान आक्रोश की आँच पश्चिम से चल कर पूर्व तक आ पहुँचने के बाद अब यूपी सरकार के लिए पंचायत चुनाव गले की हड्डी बन गया है। यूपी में पंचायत चुनाव होने हैं जिनका कार्यकाल बीते दिसंबर में ही ख़त्म हो चुका है। प्रदेश सरकार की योजना पहले फ़रवरी में और अब मार्च में चुनाव कराने की थी।