किसान आंदोलन के चलते उत्तर प्रदेश में ख़ुद को अपराजेय मान रही योगी सरकार के पसीने छूट रहे हैं। दिल्ली में चल रहे इस आंदोलन का व्यापक प्रभाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखा जा रहा है तो अब इसने पूर्वी हिस्से में भी पाँव पसारना शुरू कर दिया है। किसान पंचायतें अब पश्चिम के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी शुरू हो गयी हैं और किसान नेता राकेश टिकैत व नरेश टिकैत इनमें हिस्सा ले रहे हैं। किसान आक्रोश की आँच पश्चिम से चल कर पूर्व तक आ पहुँचने के बाद अब यूपी सरकार के लिए पंचायत चुनाव गले की हड्डी बन गया है। यूपी में पंचायत चुनाव होने हैं जिनका कार्यकाल बीते दिसंबर में ही ख़त्म हो चुका है। प्रदेश सरकार की योजना पहले फ़रवरी में और अब मार्च में चुनाव कराने की थी।
हालाँकि किसान आंदोलन के चलते अब योगी सरकार हाल फ़िलहाल तो चुनाव से बचना चाह रही है। पंचायत चुनावों में आधी से ज़्यादा सीटें पश्चिम यूपी में हैं जहाँ किसान आंदोलन का सबसे ज़्यादा प्रभाव नज़र आ रहा है। ख़ुद बीजेपी नेताओं का मानना है कि किसानों का ग़ुस्सा अब पूर्वी यूपी तक आ पहुँचा है और देर सबेर यह और तेज़ ही होगा।
पंचायत चुनाव में नुक़सान का डर
पश्चिमी यूपी में बीजेपी नेताओं का विरोध?
कृषि क़ानूनों को लेकर पश्चिम यूपी के किसानों में इस कदर ग़ुस्सा है कि वहाँ के गाँवों में बीजेपी नेताओं के घुसने तक पर रोक लगा दी गयी है। पश्चिम की प्रमुख खेतिहर जाट बिरादरी बीते कई चुनावों से बीजेपी के साथ थी जो अब बिदक गयी है। टिकैत के आँसुओं ने उसके ग़ुस्से को और भड़का दिया है और वो अब मारपीट पर उतारू है।
पश्चिम के कई गाँवों में बाक़ायदा बीजेपी नेताओं के घुसने पर पाबंदी वाले बोर्ड लगे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर लोग विरोध में नारेबाज़ी कर रहे हैं। हाल ही में पश्चिम यूपी से बीजेपी के ताक़तवर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ गाँवों में विरोध और मारपीट की भी घटना हुई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर ज़िले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गाँव सोरम में सोमवार को एक तेहरवीं में शामिल होने गए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान व अन्य बीजेपी नेताओं के सामने मुर्दाबाद के नारे लगे। नारे लगाने को लेकर बीजेपी समर्थकों तथा किसानों के बीच जमकर मारपीट हुई। इससे पहले नए कृषि क़ानूनों के फ़ायदे बताने पहुँचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का रविवार को शामली में भारी विरोध हुआ था। शामली के भैंसवाल में संजीव बालियान और बीजेपी के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी हुई थी। आक्रोश इतना था कि ग्रामीणों ने मंत्री के काफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर उनको गाँव में घुसने नहीं दिया था।
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