उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हैवानियत की हदें पार करते हुए चार लोगों ने एक दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसे बुरी तरह जख़्मी कर दिया। दो हफ्ते पहली हुई इस घटना में पीड़ित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी। पहले दिन से घटना को नकारने, फिर छिपाने और अब कमतर बताने में जुटी यूपी सरकार अब कह रही है कि मृतक लड़की के साथ दुष्कर्म की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई है।
इतना ही नहीं, बुरी तरह से पिटाई के बाद लकवाग्रस्त हो चुकी पीड़िता के शरीर पर आई गंभीर चोटों का भी जिक्र सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में नहीं किया गया है। ‘सत्य हिन्दी’ के पास मौजूद पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में उसे साफ दिख रही चोटों का जिक्र नहीं है बल्कि महज दुपट्टे से गला कसने का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में मृतका के शरीर व अंदरुनी अंगों में किसी तरह की चोट का जिक्र इस रिपोर्ट में नहीं है।
अलीगढ़ जोन जिसके तहत हाथरस जिला आता है, के पुलिस महानिरीक्षक पीयूष मोर्डिया ने बयान जारी कर कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट में दुराचार की पुष्टि नहीं हुई है। उनका कहना है कि मामले की एफ़आईआर लिखने के बाद विवेचना में पहले पीड़िता ने दुष्कर्म की बात नहीं कही थी पर बाद में यह आरोप लगाया जिसके चलते बाद में धाराएं बढ़ाई गयीं।
गौरतलब है कि पीड़िता द्वारा घटना के तुरंत बाद अपने साथ दुष्कर्म होने की बात कहने के बाद भी पुलिस ने चार दिन बलात्कार की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।
सिरे से नकार दिया बलात्कार को
पुलिस की ओर से ही उपलब्ध करायी गयी मेडिकल रिपोर्ट में और खुद आईजी जोन के बयान में बलात्कार को सिरे से नकार दिया गया है। आईजी जोन ने कहा है कि मृतका के साथ मारपीट हुई थी और पहले उन्ही धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। उनका कहना है कि बाद में मृतका ने छेड़खानी की बात कही तो धाराएं बढ़ायी गयीं। आईजी के मुताबिक़, घटना के कई दिनों के बाद मृतका ने चार लोगों द्वारा बलात्कार करने की बात कही जिसके बाद इन धाराओं को लगाया गया।
गंभीर चोटों को भी नकारा
रेप पीड़िता की मौत से पहले और बाद में उसके परिवार वाले और इलाज कर रहे डॉक्टरों ने गंभीर चोटों व बुरी तरह से पिटाई की बात कही। परिजनों का कहना है कि जीभ काट दी गयी और रीढ़ की हड्डी तक तोड़ दी गयी। हालांकि यूपी पुलिस अब भी इन सबसे इंकार कर रही है। पुलिस ने मृतका के साथ हुई हैवानियत तक को नकार दिया है।
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परिवार को नहीं दिया शव
रेप पीड़िता की मौत के बाद परिजन शव लेने का इंतजार करते रह गए और पुलिस दूसरे रास्ते से हाथरस के लिए रवाना हो गयी। अस्पताल के बाहर मौजूद मृतका के भाई ने कहा कि उन्हें शव देने के बजाय पुलिस खुद ही लेकर किसी अन्य रास्ते से हाथरस के लिए चली गयी है।
विरोध में अस्पताल के बाहर ही मृतका के भाई व पिता धरने पर बैठ गए हैं और शव को उनके हवाले किए जाने की मांग कर रहे हैं। घटना के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि उनका भरोसा पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर नहीं है। चंद्रशेखर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं।
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