प्रयागराज में हुए एक जघन्य हत्याकांड में एक ही परिवार के 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया जबकि परिवार की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किए जाने की भी बात सामने आई है। सभी लोगों के शव गुरूवार सुबह घर पर ही मिले।
यह परिवार दलित समुदाय से संबंध रखता है। मरने वालों में नाबालिग लड़की के साथ ही 10 साल का लड़का भी है। लड़की का शव घर के अंदर मिला जबकि बाक़ी लोगों के शव आंगन में मिले।
मृतकों के परिजनों ने एक पड़ोसी परिवार पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है और यह परिवार सवर्ण समुदाय से ताल्लुक रखता है।
पुलिस ने मामले में हत्या और दुष्कर्म की धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर लिया है। इसमें 11 लोगों को नामजद किया गया है। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवारों से मिली हैं। पुलिस ने कहा है कि मारे गए लोगों के शरीर पर धारदार हथियार के निशान हैं।
पुलिस बना रही थी दबाव
परिवार से जुड़े एक सदस्य ने मीडिया को बताया कि इन लोगों का सवर्ण समुदाय के एक शख़्स के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था और सितंबर में इन लोगों पर हमला भी हुआ था लेकिन पुलिस इस मामले में समझौता कराने के लिए दबाव बना रही थी।
उन्होंने कहा कि पुलिस के लोग हमला करने वाले अभियुक्तों के घर आते-जाते थे और स्थानीय इंस्पेक्टर ने भी हमसे समझौता करने के लिए कहा था।
उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को पीड़ित परिवार को पीटा गया था लेकिन इस मामले में एक हफ़्ते बाद एफ़आईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद उल्टा पीड़ित परिवार के ख़िलाफ़ ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई थी।
प्रयागराज पुलिस के प्रमुख सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि मृतकों के सिरों पर कुल्हाड़ी से वार किया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि मृतक परिवार की ओर से 2019 और 2021 में कुछ लोगों के ख़िलाफ़ ज़मीन के एक विवाद को लेकर एससी-एसटी एक्ट में मुक़दमा दर्ज कराया गया था। उन्होंने कहा है कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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