उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के उस निजी अस्पताल पर ढहाए जाने की तलवार लटक रही है जिसपर मरीज के साथ भयावह लापरवाही बरते जाने का आरोप है। उस अस्पताल को ढहाने जाने का अब नोटिस दिया गया है। वहाँ एक डेंगू मरीज को कथित तौर पर प्लेटलेट्स वाले ख़ून के बजाय फलों का जूस चढ़ा दिया गया था। मरीज के परिजनों का आरोप है कि जूस चढ़ाने के बाद मरीज की मौत हो गई। जिला प्रशासन द्वारा इस घटना की प्रारंभिक जाँच के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था।
प्रशासन ने प्रयागराज में ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर को ढहाने के लिए जो नोटिस दिया है उसमें अनधिकृत निर्माण का हवाला दिया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल बिना अनुमति के बनाया गया था और इसे शुक्रवार तक खाली कर देना चाहिए।
इस ताज़ा नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारियों ने इस संबंध में पहले के नोटिस का जवाब नहीं दिया और इस साल की शुरुआत में अस्पताल को ढहाए जाने का एक आदेश पारित किया गया था।
बहरहाल, उस अस्पताल पर आरोप है कि एक डेंगू मरीज को कथित तौर पर प्लेटलेट्स वाले ख़ून के बजाय फलों का जूस चढ़ा दिया गया था। मरीज के परिजनों का आरोप है कि जूस चढ़ाने के बाद मरीज की मौत हो गई।
इस मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक शख्स ने आरोप लगाया था कि डेंगू के मरीज को प्लाज्मा की जगह मौसमी का जूस चढ़ा दिया गया। उस वीडियो में एक शख्स ब्लड बैंक लिखा एक बैग दिखाता है और कहता है कि प्रयागराज में कुछ सिरफिरे लोग हैं या फिर अस्पताल से जुड़े हुए कर्मचारी हैं या लोग हैं जो जान से खिलवाड़ करते हैं। वह शख्स वीडियो में आगे कहता है कि ख़ून के नाम पर मौसमी का जूस बेच देते हैं और इसे मरीज को चढ़ा भी दिया जाता है। वह कहते हैं कि ऐसे में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस मामले में मरीज के परिवार ने राज्य सरकार से ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि ये लोग ब्लड बैंकों से प्लाज्मा लेते थे और उन्हें दोबारा पैक करके प्लेटलेट्स के रूप में बेच देते थे। पुलिस ने कहा था कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों ने कहा कि रक्त प्लाज्मा को ही प्लेटलेट्स के रूप में दिया जा रहा था।
हालाँकि संबंधित अस्पताल ने आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि प्लेटलेट्स मरीजों के रिश्तेदारों ने खुद खरीदे थे। अस्पताल के मालिक ने कहा था कि मरीज के प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 हो गया, जिसके बाद उसके रिश्तेदारों को ब्लड प्लेटलेट्स की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल के मालिक ने पहले एक बयान में कहा था, 'वे एक सरकारी अस्पताल से पांच यूनिट प्लेटलेट्स लाए। तीन यूनिट चढ़ाने के बाद मरीज की प्रतिक्रिया हुई। इसलिए हमने इसे रोक दिया था।' इसी घटना के बाद मरीज को दूसरे अस्पताल में ले जाया गया था।
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