कोरोना काल के शुरुआती दौर में जो आरोप जमातियों ने लगाए थे, वही आरोप अब भाजपाई यानी सत्तापक्ष के लोग लगा रहे हैं। मेरठ के एक निजी मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड की अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए जब सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर ने वीडियो शेयर किया था तब मेडिकल प्रशासन ने कहा था कि शिकायतकर्ता को खाने में हलीम बिरियानी चाहिए थी इसलिए झूठा आरोप लगाया गया है, लेकिन अब जब चिकित्सा व्यवस्था में कमियाँ उजागर हो रही हैं और आरोप लगाने वाले सत्ता पक्ष से जुड़े हैं तब सरकारी अमले में खलबली मच गई है।
मेरठ के लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड में भर्ती एक मरीज़ का अपने परिचितों से बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद ज़िला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। यही नहीं, ज़मीन पर तड़प-तड़प कर इलाज की गुहार लगाते और कुछ देर बाद उसकी मौत का वीडियो वायरल होने के बाद चिकित्सा व्यवस्था की कथित क्रूरता और रोगियों की बदहाली की चर्चा आज पूरे मेरठ में हो रही है। इस मुद्दे पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन जहाँ अपने को चुस्त-दुरुस्त बता रहा है वहीं डीएम ने इस पूरे मामले की जाँच सीएमओ को सौंपकर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है।
शास्त्री नगर के एक प्रतिष्ठित व्यापारी विनोद अरोड़ा और कोरोना के शिकार कारोबारी विजय खरबंदा की फ़ोन पर हुई बातचीत का ऑडियो 2-3 वीडियो के साथ वायरल हुआ। विजय खरबंदा कोरोना वार्ड में भर्ती हैं और ऑडियो में आपबीती के साथ वहाँ की आँखों देखी को साफ़ शब्दों में बता रहे हैं। साथ ही अपने परिचित मित्र से किसी और अस्पताल में शिफ्ट कराने की गुहार लगा रहे हैं। खरबंदा के इस ऑडियो को अगर आप ध्यान से सुनते हुए यक़ीन करेंगे तो आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की चिकित्सा में घोर लापरवाही बरती जा रही है। वार्ड में गंदगी है, बेड की चादर तक नहीं बदली जा रही और टॉयलेट्स का हाल बदतर है।
वायरल ऑडियो में खरबंदा अपने मित्र और व्यापारी नेता विजय अरोड़ा से कह रहे हैं- मैं यहाँ पर बहुत परेशान हूँ। वार्ड के भीतर डॉक्टर नहीं आ रहे। यहाँ पर मरीज़ों को दवाइयाँ नहीं दी जा रही हैं। बेड पर चादर नहीं बदली जा रही है। सुबह का नाश्ता 11 बजे दिया जा रहा है। दवाइयाँ दो-दो दिन में दी जा रही हैं। यह व्यथा उस कोरोना मरीज़ की है जो कि मेरठ के मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती है। मरीज़ ने अपने परिजनों से कोरोना वार्ड में फैली अव्यवस्था और चिकित्सकों द्वारा इलाज में बरती जा रही लापरवाही उजागर की।
इसी ऑडियो में खरबंदा एक मरीज़ का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें वह बता रहे हैं कि वह चीख रहा है, छटपटा रहा है लेकिन कोई डॉक्टर उसको देखने तक नहीं आया है।
मरीज़ के सिर में भयानक दर्द है और वह साँस लेने में दिक्कत बता रहा है। इसी मरीज़ के बाद में दो वीडियो भी वायरल हुए जिसमें वह वहाँ मौजूद स्वास्थ्यकर्मी से डॉक्टर बुलाने के लिए गिड़गिड़ाते हुए दिख रहा है और उसके बाद उसकी मौत हो जाती है। इसका भी वीडियो है जिसमें उसका शव बेड पर दिखाते हुए बताया जा रहा है कि यह मरीज़ तीन घंटे तड़पता रहा लेकिन न डॉक्टर आया न उसे चिकित्सा मिली जिससे उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आर सी गुप्ता का कहना है कि आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि इतने रोगियों में से एक-दो लोगों के आरोप महत्वहीन हैं। उनके मुताबिक़ सब चुस्त-दुरुस्त है और चिकित्सक पूरे मनोयोग और पूरी क्षमता के साथ जुटे हुए हैं, जबकि मेरठ डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मेरठ के सीएमओ को जाँच के आदेश देते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट माँगी है।
एक तरफ़ प्रशासन जहाँ जाँच की बात कर रहा है वहीं बीजेपी नेताओं ने प्रशासन के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराज़गी का कारण बीजेपी महानगर के कार्यकारिणी सदस्य विभांशु वशिष्ठ और उनके पिता की कोरोना से मौत हो जाना है जबकि उनकी माँ और भाई अभी ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। 24 साल का विभांशु बहुत लोकप्रिय था लेकिन उसके इलाज के दौरान चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप लगे लेकिन तब विरोध इतना मुखर नहीं था।
बीजेपी के विधायक सोमेन्द्र तोमर ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर माँग की है कि मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के स्थान पर विशेष टीम नियुक्त की जाए। पत्र में विधायक ने लिखा है कि ज़िला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के बीच सामंजस्य का घोर अभाव होने की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं, उपचार, दवाइयों और स्वच्छता में घोर लापरवाही बरती जा रही है। वर्तमान में बीजेपी के एक पार्षद और कई अन्य कार्यकर्ता कोरोना इलाज के लिए भर्ती हैं लेकिन उपचार और व्यवस्थाओं से सभी रूष्ट हैं। इसलिए आज जैसे ही ऑडियो-वीडियो वायरल हुआ वैसे ही हंगामा हो गया। बीजेपी विधायक सोमेन्द्र तोमर ने प्रदेश के विभागीय मंत्री से बात कर ताज़ा हालातों से अवगत कराया। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए विशेष टीम भेज रहे हैं।
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ऑडियो वायरल करने वाले व्यापारी सहित उत्तर प्रदेश बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनीत शारदा ने पार्टी हाईकमान को शिकायत भेजते हुए कार्रवाई की माँग की है। विभागीय मंत्री से बात की है।
स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि निजी लैब में जाँच करा रहे हैं और पॉजिटिव आने पर वे मेडिकल कॉलेज जाना ही नहीं चाहते। एक युवक तो सरकारी एम्बुलेंस आने पर घर से भाग लिया जिसे दौड़कर टीम ने उसे मुश्किल से घेर कर पकड़ा। इसी तरह एक अन्य व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया जाना था लेकिन उससे पहले ही सदमे से मौत हो गई।
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