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वे (कांग्रेस) अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद का खाना खाने की आजादी देना चाहते हैं, मतलब वे गोहत्या की अनुमति देने की बात कर रहे हैं।
-योगी आदित्यनाथ, 26 अप्रैल 2024 सोर्सः पीटीआई
भाजपा के नेता भी खाते हैं गोमांस
भाजपा के कई नेता समय-समय पर कहते रहे हैं कि वे बीफ खाते हैं। 20 फरवरी 2023 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मेघालय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने दावा किया है कि भाजपा में गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने आगे कहा, भाजपा किसी जाति, पंथ या धर्म के बारे में नहीं सोचती। इंडिया टुडे से बात करते हुए मावरी ने खुलासा किया कि वह खुद गोमांस खाते हैं और पार्टी को इससे कोई दिक्कत नहीं है। मावरी ने कहा, "बीजेपी में कोई समस्या नहीं है। बीजेपी किसी जाति, पंथ या धर्म के बारे में नहीं सोचती। हम जो चाहें वो पा सकते हैं। ये हमारी खान-पान की आदत है। किसी राजनीतिक दल को इससे दिक्कत क्यों होनी चाहिए?"मेघालय भाजपा नेता अर्नेस्ट मावरी ने उस समय कहा था- "मेघालय में हर कोई गोमांस खाता है और राज्य में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह हमारी आदत और संस्कृति है। हम अपनी खान-पान की आदतों का पालन करते हैं और हमारे लिए कोई प्रतिबंध नहीं है, कोई दिशा निर्देश नहीं है।"
गोमांस समर्थक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 4 जून 2017 को इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा था- पूर्वोत्तर भारत में बीफ लोगों के खाने में एक अभिन्न हिस्सा है। भाजपा का लोगों पर भोजन की पसंद तय करने का इरादा नहीं है। उन्होंने कहा था- गोमांस की खपत पर रोक लगाने के नाम पर गोरक्षा या हिंसा को राज्य सरकारों को तुरंत रोकना चाहिए और अपराधियों को और अधिक तबाही मचाने या गलत सूचना फैलाने की छूट नहीं देनी चाहिए।“
गोमांस बहुत महत्वपूर्ण है। सभी ईसाई इसे खाते हैं, अधिकांश आदिवासी समुदाय, घाटी के लोग गोमांस खाते हैं। यह अब पारंपरिक आहार का हिस्सा है। यहां तक कि युवा पीढ़ी भी अब इसे अपनाने लगी है। भाजपा केवल स्वच्छता उद्देश्यों के लिए अवैध वध से बचने के लिए गोमांस उद्योग को रेगुरलाइज करने की कोशिश कर रही है।
-एन बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री मणिपुर, 4 जून 2017, सोर्सः इकोनॉमिक टाइम्स
क्वॉलिटी गोमांस खिलाने का भाजपाई वादाः हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में लोकसभा उपचुनाव में मलप्पुरम के भाजपा प्रत्याशी श्रीप्रकाश ने तो अपने लोकसभा क्षेत्र में बढ़िया गोमांस उपलब्ध कराने के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। 30 अप्रैल 2017 को एचटी ने भाजपा प्रत्याशी श्रीप्रकाश का बयान प्रकाशित किया था। जिसमें श्रीप्रकाश ने कहा- “मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में क्वॉलिटी (गुणवत्तापूर्ण) गोमांस और स्टैंडर्ड बूचड़खाने स्थापित कराऊंगा। मेरे विरोधी सिर्फ मेरी पार्टी को खराब छवि में पेश करने के लिए गोमांस प्रतिबंध का हवाला दे रहे हैं। यह वो दौर था जब भाजपा समर्थित गौरक्षा दल समुदाय विशेष के लोगों पर गौमांस की आड़ लेकर हमले कर रहे थे। दादरी में अखलाक की हत्या इन्हीं हालात में हुई थी, जबकि उनका एक बेटा भारतीय वायुसेना में था। 2017 में सत्ता में आने के बाद यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने बड़े का मांस (बीफ) को गोमांस बताकर बेचना तक उसी दौर में बंद करा दिया था। वो अघोषित प्रतिबंध यूपी में आज भी जारी है। मुस्लिमों के त्यौहारों तक पर बीफ उपलब्ध नहीं होता, क्योंकि सरकार के अघोषित आदेश पर पुलिस बीफ बेचने वालों की दुकानें बंद करा देती है।
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गोमांस के बड़े समर्थकों में भाजपा नेता मनोहर पारिक्कर
भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार और कभी प्रधानमंत्री पद के योग्य माने जाने वाले गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मनोहर पारिक्कर तक ने गोमांस का समर्थन किया था। 2017 में बतौर गोवा मुख्यमंत्री मनोहर पारिक्कर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा था कि बीजेपी ने कभी नहीं कहा कि गोमांस नहीं खाया जा सकता। राज्य में गोमांस पर कोई रोक नहीं। भाजपा यह आदेश नहीं देती है कि गोमांस नहीं खाया जा सकता। हम किसी भी स्थान पर भोजन की आदतों को निर्देशित नहीं कर सकते हैं। यह लोगों को तय करना है।गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर परिक्कर ने जुलाई 2017 में गोवा विधानसभा में कहा था- मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि राज्य में गोमांस की कोई कमी न हो और जरूरत पड़ने पर इसे पड़ोसी राज्यों से आयात किया जाएगा। यहां यह बताना जरूरी है कि 21 राज्यों में गोहत्या पर प्रतिबंध है। छत्तीसगढ़, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित इनमें से कुछ राज्यों में गोमांस की खपत पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी इस पर प्रतिबंध है। केरल उन आठ राज्यों में शामिल है जहां गोहत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालाँकि, वध के लिए पशु बाजारों से मवेशियों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद मई 2017 में केरल में व्यापक विरोध प्रदर्शन और "बीफ़ उत्सव" आयोजित किए गए थे।
भारत में हिन्दुओं के हाथ में बीफ निर्यात का कारोबार
अत्यधिक मांस की खपत के लिए मुसलमानों को अनावश्यक रूप से बदनाम किया जाता है और निशाना बनाया जाता है, जबकि तथ्य यह है कि ईसाई और यहूदी सबसे अधिक मांस खाने वाला समुदाय हैं। यहूदियों के साथ सबसे खास बात यह है कि वे जमकर गोमांस खाते हैं। यहूदियों के मांस खाने की मुख्य शर्त यह भी है कि वे मुस्लिमों की तरह सिर्फ हलाल मांस खाते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा बीफ़ मांस निर्यातक देश ब्राज़ील है, इसके बाद भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन हैं।
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