अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर की बुनियाद में कोई टाइम कैप्सूल नहीं दबाया जाएगा। मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी और विहिप के नेता चंपत राय ने इसे कोरी अफ़वाह बताया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन का इतिहास लिख कर टाइम कैप्सूल में रख उसे मंदिर की बुनियाद में गहरे दबाए जाने की न तो पहले कभी योजना थी और न अब है। चंपत राय ने कहा कि इस तरह की सभी बातें फर्जी हैं।
मंदिर निर्माण के लिए आम जनों की ओर से दी जा रही चांदी की शिलाओं को लेकर ट्रस्ट ने कहा कि इसकी जगह कैश पैसे बैंक खाते में जमा कराए जाएं। ट्रस्ट ने कहा कि उनके पास बैंक में कोई लॉकर या अन्य स्थान नहीं है, जहां चांदी की शिलाएं रखी जा सकें। इसलिए बेहतर होगा कि लोग मंदिर निर्माण में सहयोग के नाम पर चांदी की जगह नकद पैसे ही जमा करें।
गौरतलब है कि राम मंदिर के भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला समर्पित करेंगे और पीएम मोदी इस शिला का पूजन कर इसे स्थापित करेंगे।
बीते दो दिनों से समाचार चैनलों और अखबारों में यह बात प्रचारित की जा रही थी कि राम मंदिर की नींव डालते समय यहां स्टील का एक टाइम कैप्सूल काफी गहरे तक दबाया जाएगा। इस टाइम कैप्सूल में राम मंदिर के इतिहास, आंदोलन, प्रमुख घटनाओं की जानकारी मौजूद रहेगी ताकि कई सौ सालों बाद जब इसे निकाला जाए तो इतिहास की जानकारी ली जा सके।
इससे पहले 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसी तरह का टाइम कैप्सूल लाल किले में गहरे नीचे दबवाया था। समाचार माध्यमों का कहना था कि अब वही काम राम मंदिर में भी किया जाएगा। हालांकि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट से जुड़े किसी भी व्यक्ति ने इस तरह की बात कभी नहीं कही और ये लोगों की कोरी कल्पना है।
प्रधानमंत्री के चांदी शिला के साथ भूमि पूजन की ख़बरों के बाद लोगों में दान की होड़ लग गयी है। अब तक दर्जनों लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए चांदी की शिला देने का एलान किया है। हालांकि ट्रस्ट ने कहा है कि मंदिर निर्माण के लिए चांदी की शिला के स्थान पर श्रद्धालु नकद दान दें।
ट्रस्ट को बड़े दान का एलान
उधर, राम मंदिर निर्माण के लिए मशहूर राम कथा वाचक मोरारी बापू ने राम जन्म भूमि ट्रस्ट को बड़ी नकद राशि का दान दिया है। मोरारी बापू ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट को पांच करोड़ रुपये की धनराशि देने की घोषणा की है।
देश भर से आ रहा जल और माटी
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देश के सभी तीर्थस्थलों से जल व माटी लाने का एलान किया गया था। अब इस क्रम में लगभग सभी राज्यों के प्रमुख शहरों से माटी भेजने की शुरुआत हो गयी है। छत्तीसगढ़ की कई नदियों का जल व शहरों की माटी भेजी जा रही है तो उत्तराखंड से भी इसका सिलसिला शुरू हो गया है।
मंदिर निर्माण में लखनऊ की माटी भी भेजी जाएगी। यहां मंदिर निर्माण के लिए एशबाग राम लीला मैदान की मिट्टी खोदी जाएगी। अयोध्या शोध संस्थान के माध्यम से पांच अगस्त को मिट्टी को भेजा जाएगा। कार्यक्रम के मुताबिक़, तीन अगस्त को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मिट्टी खोदी जाएगी और भूमि पूजन के दिन लखनऊ के रामलीला मैदान में पूजन-हवन होगा। स्थानीय रामलीला कमेटी इसका आयोजन करेगी। हरिद्वार, वाराणसी, बद्रीनाथ, केदारनाथ से भी जल लाया जा रहा है।
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