अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे से शिवसेना और ठाकरे परिवार भी जुड़ा रहा है। बाबरी मसजिद गिराए जाने के समय शिवसेना के कई कार्यकर्ता अयोध्या में थे और उन्होंने हिस्सा लिया था। लेकिन अब जब मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है तो उद्धव ठाकरे को निमंत्रण नहीं भेजा गया। उद्धव ने इस पर एतराज भी किया। अब उद्धव ने 22 जनवरी को राम मंदिर के लिए अपना कार्यक्रम जारी कर दिया है। जानिएः
यूपी पुलिस ने लखनऊ से दो युवकों ओम प्रकाश मिश्रा और ताहर सिंह को गिरफ्तार किया है। इनके ऊपर आरोप है कि ये लोग मुस्लिम नाम से ईमेल भेजकर राम मंदिर और योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी दे रहे थे। इनके और भी साथी इस साजिश रचने में शामिल हो सकते हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि कर्नाटक में राममंदिर के लिए चंदा ले रहे लोग चंदा देने और न देने वालों के घरों पर निशान लगा रहे हैं। सवाल उठता है कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्या ये हिटलर के कार्यक्रमों से प्रेरित है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
भारत आज़ाद है लेकिन सरकार का लक्ष्य आगामी चुनाव के पहले राम मंदिर निर्माण है, इसलिए तारीख़ चुनी गई 5 अगस्त 2020। बीजेपी और प्रधानमंत्री को यह तारीख़ बहुत पसंद है क्योंकि यह उनके लिए ऐतिहासिक तारीख़ है।
अयोध्या आंदोलन के प्रमुख संतों की ओर से भेंट की गयी 40 किलो चाँदी की राम शिला के साथ प्रमुख लोगों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की बुनियाद रखेंगे।