ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी शांत नहीं होता दिख रहा है। मस्जिद में एक तहखाने का एएसआई सर्वे सामने आया ही है कि अब बाक़ी तहखानों के सर्वेक्षण के लिए अदालत में याचिका लगाई गई है। एक हिंदू याचिकाकर्ता ने वाराणसी में एक ट्रायल कोर्ट का रुख किया है, जिसमें ज्ञानवापी परिसर में शेष तहखानों का सर्वेक्षण करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई को निर्देश देने की मांग की गई है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार राखी सिंह ने यह याचिका दायर की है। शृंगार गौरी पूजन वाद 2022 में भी वह प्रमुख याचिकाकर्ता हैं। राखी सिंह ने याचिका में तर्क दिया है कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए बाक़ी तहखानों का सर्वेक्षण करना ज़रूरी है। इसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर तहखाना नं. एन1 से एन5 (उत्तर में) और एस1 से एस3 (दक्षिण में) मौजूद हैं। एन1 और एस1 तक पूरी तरह से पहुंच नहीं है क्योंकि उनके प्रवेश द्वार अवरुद्ध हैं।
एएसआई की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राखी सिंह ने कहा है कि चूँकि एन2 की पश्चिमी दीवार पर चार प्रवेश द्वार जो एन1 तक पहुंच प्रदान करते हैं, वे सभी अवरुद्ध हैं, इसलिए इसके बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है।
उन्होंने दावा किया है कि मस्जिद परिसर के अंदर कुछ तहखानों का सर्वेक्षण नहीं किया गया है क्योंकि उनके प्रवेश द्वार अवरुद्ध हैं और इसलिए, एएसआई को संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए बिना तहखानों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया जा सकता है।
बता दें कि जिला न्यायाधीश ने पिछले सप्ताह वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पुजारियों के एक परिवार द्वारा हिंदू देवताओं की नियमित पूजा की अनुमति दी थी, जो 1993 से पहले वहां अनुष्ठान करते थे। वाराणसी अदालत के फ़ैसले के बाद एक पुजारी ने परिसर में आधी रात को पूजा की थी। अपने फ़ैसले में अदालत ने कहा था कि पूजा-अर्चना काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा नामित एक पुजारी द्वारा की जाएगी। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उसके दादा ने दिसंबर 1993 तक तहखाने में पूजा की थी।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पहले ही वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जा चुकी है।
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