लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को अदालत ने बुधवार को ज़मानत देने से इनकार कर दिया। आशीष मिश्रा के साथ ही उनके कथित साथी आशीष पांडे की जमानत याचिका को भी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंता राम ने खारिज कर दिया। इधर, इस हिंसा के सिलसिले में ही दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
विशेष जांच दल यानी एसआईटी के समक्ष पेश हुए अंकित दास और लतीफ उर्फ काले को पूछताछ के बाद बुधवार को हिरासत में लिया गया था। दोनों को अदालत में पेश किया गया जहाँ से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इससे पहले पुलिस ने पूछताछ के लिए दोनों की हिरासत मांगी थी, जबकि उनके वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनसे कोई भी जब्ती की जानी बाक़ी नहीं है। अदालत ने दोनों की पुलिस रिमांड की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
आशीष मिश्रा के क़रीबी बताए जाने वाले अंकित दास और काले, इससे पहले दिन में लखीमपुर में अपराध शाखा कार्यालय में एसआईटी के समक्ष पेश हुए। जाँचकर्ताओं ने दास और काले को 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था। तब हिसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा में मारे गए लोगों में दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक मंत्री का ड्राइवर और एक पत्रकार भी शामिल हैं।
पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों-आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित और काले को गिरफ्तार किया है।
विशेष जांच दल द्वारा नौ अक्टूबर को 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए आशीष मिश्रा को मंगलवार से तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत ने मंगलवार को गिरफ्तार शेखर भारती को भी तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस का कहना है कि शेखर भारती तीन में से एक गाड़ी चला रहा था और यह गाड़ी अंकित दास के नाम है।
शेखर भारती वह शख़्स है जिसने एक वीडियो में पुलिस के सामने कबूल किया था कि ‘थार भैया के साथ थी’। पहले यह ख़बर आई थी कि वह ग़ायब हो गया है। लेकिन अब पुलिस ने शेखर को गिरफ़्तार कर लिया है। शेखर ने जिस थार गाड़ी का ज़िक्र किया था यह वही थार गाड़ी है जिसने किसानों को बुरी तरह रौंद दिया था और यह गाड़ी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के परिवार के नाम पर है।
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