loader

बीजेपी गठबंधन से जुड़े 'अपना दल' में भी टूट, विधायक चौधरी अमर सिंह सपा में गए

बीजेपी अपने गठबंधन दल के विधायकों की टूट को भी नहीं रोक पा रही है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का अपना दल बीजेपी गठबंधन में शामिल है। अपना दल के विधायक ;चौधरी अमर सिंह ने भी आज सपा के समर्थन की घोषणा की है। अपना दल के और भी विधायक टूटने वाले हैं। उन्होंने सपा नेतृत्व से संपर्क किया है। अपना दल में यह टूट ऐसे समय सामने आई है जब बीजेपी नेता अमित शाह सीटों को फाइनल कर रहे थे। इस टूट से बीजेपी पर भी असर पड़ेगा।

ताजा ख़बरें

अपना दल के विधायक अपनी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल पर काफ़ी दिनों से बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का दबाव बना रहे थे लेकिन अनुप्रिया ने साफ़ मना कर दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने कल रात अपना दल के नेताओं से सीटों पर बातचीत की थी। अपना दल के विधायकों को उम्मीद थी कि अनुप्रिया बीजेपी पर दबाव बनाकर कम से 25-30 सीटों की माँग करेंगी और ज़्यादा सीटें न मिलने पर मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे देंगी। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। 

Apna Dal associated with BJP alliance also broke down, MLA Chaudhary Amar Singh went to SP - Satya Hindi

अपना दल नेता चौधरी अमर सिंह ने शाम को सपा दफ्तर जाकर अखिलेश यादव से मुलाकात की और सपा की नीतियों में विश्वास जताया। अमर की अभी अधिकृत ज्वाइनिंग सपा में नहीं हुई है। चौधरी अमर सिंह ने कहा कि योगी सरकार ने कोई भी काम नहीं किया। ये लोग ढिंढोरा कुछ भी पीटते रहें। ये झूठों की सरकार है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द और भी विधायक सपा में आएंगे। अब प्रदेश के लोगों की उम्मीदें सिर्फ अखिलेश यादव से है।

उत्तर प्रदेश से और खबरें

बता दें कि अपना दल दो हिस्सों में बंट चुका है। एक धड़े का नेतृत्व अनुप्रिया पटेल करती हैं तो दूसरे धड़े का नेतृत्व उनकी मां कृष्णा पटेल संभालती हैं। कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया पटेल के बीजेपी के साथ जाने को कभी पसंद नहीं किया। सोनेलाल पटेल द्वारा बीएसपी के तर्ज पर खड़ी की गई इस पार्टी में जल्द ही दो धड़े बन गए। इस समय कृष्णा पटेल सपा के साथ हैं। 

2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के 9 विधायक चुने गए थे। कृष्णा पटेल ने उसी समय बीजेपी नेतृत्व से ज्यादा सीटें देने की मांग की थी। लेकिन बीजेपी ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें