इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी वापस लेने और स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव कराने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच आज एक छात्र ने आत्मदाह का प्रयास किया। हालाँकि, मौक़े पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे ऐसा करने से रोक लिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आमरण अनशन पर बैठे छात्रों और विरोध-प्रदर्शन करने वाले छात्रों के घर पर पुलिस दबिश के विरोध में उसने आत्महत्या की कोशिश की।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक खुद पर बोतल से अपने ऊपर कुछ छिड़क रहा है और पुलिसकर्मी उसे ऐसा करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। सपा नेता अखिलेश यादव ने उस वीडियो को ट्विटर पर साझा किया है।
जो सरकार छात्रों को आत्मदाह के मुहाने पर ले जाए… उससे युवाओं को नाउम्मीदगी और हताशा के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।#भार_बन_गयी_भाजपा pic.twitter.com/f52e7jMSUy
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 'छत्रसंघ संयुक्त संघर्ष समिति' के बैनर तले छात्र फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी ने अंडर ग्रेजुएट फीस में करीब 400 फीसदी की बढ़ोतरी की है। आठ दिन पहले कुछ छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू की थी। पिछले हफ्ते दो छात्रों की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।
रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंदोलनरत छात्रों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि छात्रों ने छात्रसंघ भवन के पास गेट पर ताला को तोड़ दिया था। एफ़आईआर में 15 नामजद और क़रीब 100 अज्ञात छात्रों पर आरोप लगाया गया है। इस मामले में अब तक गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
बता दें कि बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की अपनी मांग पर दृढ़ छात्र कैंपस में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा के सामने शपथ ली थी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इधर इलाहाबाद प्रशासन भी अपने फ़ैसले पर अड़ा हुआ है। इसका कहना है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की स्थापना के 110 वर्षों के बाद फीस में बढ़ोतरी की गई है।
यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद ने एक पखवाड़े पहले विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए फीस बढ़ोतरी को मंजूरी दी थी। यूनिवर्सिटी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार लाए जा रहे बदलावों को देखते हुए फीस बढ़ोतरी समय की जरूरत है, जिसके तहत अधिक टीचरों को काम पर रखा जाना है और नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाने हैं। यूनिवर्सिटी ने यह भी साफ किया कि मौजूदा छात्रों में से कोई भी प्रभावित नहीं होगा क्योंकि फीस वृद्धि सिर्फ 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से नया एडमिशन लेने वालों पर लागू होगी।
फीस वृद्धि आंदोलन के विरोध को इस सप्ताह की शुरुआत में प्रियंका गांधी वाड्रा का समर्थन मिला था। छात्रों का समर्थन करते हुए प्रियंका ने ट्वीट किया था कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा 400 प्रतिशत शुल्क वृद्धि बीजेपी सरकार द्वारा एक और युवा विरोधी कदम है।
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