‘सुधर जाओ, वरना हम आपको सुधार देंगे और इसमें दो मिनट लगेंगे’, ये बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद देश भर में चर्चा में आ गए हैं। मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा पुलिस से बचते घूम रहे हैं और जबरदस्त जनदबाव के बाद उनके ख़िलाफ़ हत्या का मामला भी दर्ज हो चुका है।
अजय मिश्रा टेनी ने 25 सितंबर को एक कार्यक्रम में किसानों को जिस तरह चेतावनी दी थी, उससे किसान भी भड़के हुए थे। इस कार्यक्रम में टेनी ने यह भी कहा था कि वह केवल मंत्री, सांसद या विधायक नहीं हैं और हर चुनौती का सामना करते हैं।
टेनी की पूरी कोशिश कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों को डराने की थी। स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई ख़बरों से लखीमपुर खीरी से सांसद टेनी की छवि के बारे में काफी कुछ पता चलता है।
टेनी को कुछ महीने पहले हुए मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में केंद्रीय गृह मंत्रालय जैसे अहम विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया था। किसान परिवार से आने वाले टेनी राजनीति में आने से पहले व्यवसायी थे और स्थानीय लोगों के छोटे-मोटे झगड़ों को सुलझाने का काम करते थे। इसके अलावा वह अपने इलाक़े में कुश्ती और दंगल का आयोजन भी वक़्त-वक़्त पर कराते रहे हैं।
टेनी का राजनीतिक करियर
टेनी ने बीजेपी के जिला महासचिव के पद से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था और उन्हें पहली बड़ी सफलता तब मिली जब वह 2012 में बीजेपी के टिकट पर पहली बार निघासन सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद उनके करियर का ग्राफ़ तेज़ी से बढ़ा और बीजेपी ने उन्हें 2014 में खीरी से लोकसभा का टिकट दे दिया। तब टेनी 1 लाख मतों के अंतर से जीते थे।
इसके बाद टेनी 2019 में फिर से चुनाव जीते और इस बार उन्होंने मतों के अंतर को दोगुना कर लिया। यानी तब उनकी जीत के मतों का अंतर 2 लाख था।
दबंग राजनेता की छवि
स्थानीय समाचार पत्रों में छपी ख़बरों के मुताबिक़, टेनी के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट भी खुली थी लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद इसे बंद कर दिया गया था।
टेनी के ख़िलाफ़ साल 1990 में तिकुनिया थाने में कई धाराओं में मुक़दमा दर्ज हुआ था। इसके बाद साल 2000 में प्रकाश गुप्ता उर्फ राजू की हत्या में वह मुख्य अभियुक्त थे। साल 2005 में बलवा व मारपीट के एक मामले में टेनी और उनके पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ़ मोनू को नामजद किया गया था। साल 2007 में मारपीट और धमकी देने के एक मामले में भी टेनी और आशीष मिश्रा का नाम आया था। कुल मिलाकर लखीमपुर खीरी के इलाक़े में टेनी की छवि दबंग राजनेता की रही है।
संकट के बादल
आशीष मिश्रा को टेनी का राजनीतिक वारिस माना जाता है। लेकिन लखीमपुरी खीरी में किसानों की मौत के मामले के बाद टेनी के साथ ही आशीष मिश्रा के राजनीतिक करियर पर भी संकट के बादल छा गए हैं। बताया जाता है कि आशीष मिश्रा 2022 में निघासन सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
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