लखीमपुर खीरी मामले में बीजेपी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने वालीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। प्रियंका की गिरफ़्तारी 4 अक्टूबर को सुबह 4.30 बजे हुई। प्रियंका के ख़िलाफ़ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मुक़दमा भी दर्ज किया गया है।
प्रियंका को सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में बनी अस्थायी जेल में रखा गया है।
प्रियंका ने लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां नहीं पहुंचने दिया था। प्रियंका ने मंगलवार सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि क्या उन्होंने उस वीडियो को देखा है, जिसमें एक थार गाड़ी किसानों को रौंदते हुए जा रही है।
प्रियंका ने यह वीडियो अपने मोबाइल पर प्ले करके दिखाया था। प्रियंका ने कहा था कि यह वीडियो आपकी सरकार के एक मंत्री के बेटे को किसानों को अपनी गाड़ी के नीचे कुचलते हुए दिखाता है।
उन्होंने कहा था, “इस वीडियो को देखिए और इस देश को बताइए कि इस मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है और इस लड़के को अभी तक गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया है।”
प्रियंका ने कहा था कि बिना किसी वैध कारण के उन्हें हिरासत में रखा गया है और इसके लिए उन्हें कोई कागज भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। राहुल गांधी ने प्रियंका के समर्थन में कहा, “जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं।”
लखीमपुर जाने से रोका
बताना होगा कि कई सियासी दलों के नेताओं ने सोमवार को लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश की लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। इनमें प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा, एसपी के मुखिया अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव आदि नेता शामिल रहे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के उप मुख्यमंत्री एसएस रंधावा को भी लखनऊ में हवाई हड्डे पर उतरने की इजाजत नहीं दी गई। इसे लेकर इन तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज कराया है।
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