नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी के 2014 का चुनाव जीतने के बाद भारतीय इतिहास को फिर से लिखने की कोशिशें एक बार फिर शुरु हुईं ताकि हिन्दू राष्ट्रवाद के सिद्धांत को वैध ठहराया जा सके। ये कोशिशें उसी समय शुरू हो गई थीं, जब बीजेपी ने 1999 से 2004 के बीच पहली बार देश पर शासन किया था।
मिथक को इतिहास बताने के पीछे क्या है संघ की मंशा, बता रही हैं रोमिला थापर
- इतिहास का सच
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- 2 Sep, 2019

नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाली मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर इमेरिटस पद पर बने रहने के लिए सीवी देने को कहा है, हालाँकि उनकी सीवी जेएनयू की आधिकारिक वेबसाइट पर पहले से ही मौजूद है। क्या उन्हें सरकार की आलोचना करने के लिए निशाने पर लिया जा रहा है? 'न्यूयॉर्क टाइम्स' में छपा उनका एक लेख हम यहाँ फिर प्रकाशित कर रहे हैं, जिसमें वह बता रही हैं कि किस तरह इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।