पिछली बार विभाजन को लेकर तथ्यों के कुछ नए दरवाजे इश्तियाक अमहद ने खोले हैं और इतिहास के बहुत से ऐसे तथ्यों से हमें अवगत कराया जिनकी जानकारी हममें से बहुतों को नहीं रही होगी।
मुसलिम उम्मा किश्त दो: दुनिया के मुसलमान एक कैसे हो सकते हैं?
- इतिहास का सच
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- 24 Jun, 2021

देश के विभाजन और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर शिक्षाविद प्रो. इश्तियाक अहमद और पूर्व पुलिस अधिकारी व हिंदी के मशहूर साहित्यकार विभूति नारायण राय की दिलचस्प और रोचक बातचीत जिसे ‘सत्य हिंदी’ डाटकॉम पर सुना और देखा गया। पेश है इसकी दूसरी कड़ी-
देश के विभाजन के साथ-साथ भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तेरह सौ सालों के बीच पनपे रिश्तों को लेकर भी नई जानकारियां मिलीं। बातचीत के इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए सत्य हिंदी पर इस बार मुसलिम उम्मा पर चर्चा हुई। चर्चा के सूत्रधार हैं पूर्व आईपीएस अधिकारी व साहित्यकार विभूति नारायण राय।
चर्चा में पाकिस्तानी मूल के स्वीडिश इतिहासकार इश्तियाक अहमद, पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता जावेद आनंद और पसमांदा मुसलमानों के भाष्यकार फैयाज़ अहमद फैज़ी ने हिस्सा लिया। फैज़ी ने पहली कड़ी में पसमांदा मुसलमान का सवाल उठा कर विमर्श को नई दिशा दी। पहली कड़ी में ये आप पढ़ चुके हैं।