देश के विभाजन और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर शिक्षाविद प्रो. इश्तियाक अहमद और पूर्व पुलिस अधिकारी व हिंदी के मशहूर साहित्यकार विभूति नारायण राय की दिलचस्प और रोचक बातचीत जिसे सत्य हिंदी डाटकॉम पर सुना और देखा गया। पिछली बार विभाजन को लेकर तथ्यों के कुछ नए दरवाजे इश्तियाक अमहद ने खोले हैं और इतिहास के बहुत से ऐसे तथ्यों से हमे अवगत कराया जिनकी जानकारी हममें से बहुतों को नहीं रही होगी। देश के विभाजन के साथ-साथ भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तेरह सौ सालों के बीच पनपे रिश्तों को लेकर भी नई जानकारियाँ मिलीं। बातचीत के इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए सत्य हिंदी पर इस बार मुसलिम उम्मा पर चर्चा हुई। चर्चा के सूत्रधार हैं पूर्व आईपीएस अधिकारी व साहित्यकार विभूति नारायण राय। चर्चा में पाकिस्तानी मूल के स्वीडिश इतिहासकार इश्तियाक अहमद, पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता जावेद आनंद और पसमान्दा मुसलमानों के भाष्यकार फैयाज अहमद फैजी ने हिस्सा लिया। पेश है इस बातचीत का पहला अंश -
मुसलिम उम्मा : आधी हक़ीक़त, आधा फ़साना
- इतिहास का सच
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- 23 Jun, 2021

शिक्षाविद प्रो. इश्तियाक अहमद के मुसलिम उम्मा पर क्या विचार हैं? उम्मा को अंग्रेजी में नेशन कह सकते हैं, कौम भी कह सकते हैं। तो इस मुसलिम उम्मा की गुत्थी को सुलझाने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी व हिंदी के मशहूर साहित्यकार विभूति नारायण राय ने इश्तििियाक अहमद , जावेद आनंद और फैयाज अहमद फैजी से बातचीत की है। पेश है बातचीत का पहला अंश...