देश ने रविवार को आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई। ‘आज़ादी’ शब्द का विस्तार बड़ा है। यह सिर्फ़ एक घटना भर नहीं है, बल्कि इतिहास की एक ऐसी तारीख़ है, जिस तक पहुँचने के लिए दमन और शोषण के एक दौर से गुज़रना पड़ा। इस दौर से गुज़र कर स्वतंत्रता तो हमें मिली पर उसकी भी एक कीमत चुकानी पड़ी- ‘विभाजन’ के रूप में। शाब्दिक अर्थ में, धर्म के आधार पर मुस्लिम बहुल पंजाब, बंगाल और पश्चिमोत्तर सीमा-प्रांत के हिस्सों को बाँट, पाकिस्तान के रूप में एक नए राष्ट्र-राज्य में ढाल कर।