लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ने तेलंगाना में आत्महत्या कर ली। लॉकडाउन के कारण वह पढ़ाई जारी रखने में सक्षम नहीं थी। फरवरी से कॉलेज बंद है और ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। जिसके पास लैपटॉप, वाईफाई की सुविधा नहीं है वह बिना पढ़े ही परीक्षा देने को मजबूर होंगे। तेलंगाना की उस 19 वर्षीय छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी के सामने भी यही दिक्कत थी। उनका परिवार पहले से ही कर्ज में डूबा था और लॉकडाउन में कमाई भी ख़त्म हो गई थी। इस वजह से ऐश्वर्या लैपटॉप नहीं ख़रीद पाई थीं और ऑनलाइन पढ़ाई करने में सक्षम नहीं थीं। उन्होंने आत्महत्या के कारणों का ज़िक्र कथित सुसाइड नोट में किया है।
ऐश्वर्या ऐसी एकमात्र छात्रा नहीं हैं जिनके सामने यह समस्या है। इसकी समस्या कितने बड़े स्तर पर है इसकी तरफ़ इशारा कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी किया है। ऐश्वर्या की आत्महत्या की ख़बर को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि लॉकडाउन और नोटबंदी ने अनगिनत घरों को तबाह कर दिया।
इस अत्यंत दुखद घड़ी में इस छात्रा के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 9, 2020
जानबूझकर की गयी नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए।
यही सच्चाई है। pic.twitter.com/TX5vG40fPC
कोरोना संक्रमण के कारण मार्च महीने में लॉकडाउन लगाने से पहले से ही कॉलेज बंद होने लगे थे और उसके बाद भी अधिकतर शिक्षण संस्थानों में यही दिक्कतें हैं। इससे लाखों छात्र प्रभावित हुए हैं। वे छात्र जो संपन्न घरों से आते हैं और शहरों में रहते हैं उनके सामने कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन उन छात्रों के सामने ज़्यादा दिक्कत है जिनके परिवार के लोगों की नौकरियाँ चली गई हैं या दूसरी आमदनी घट गई हैं। ऐसे परिवारों को अपनी आर्थिक स्थिति को संभालना ही मुश्किल हो रहा है।
गाँवों से आकर बड़े शहरों में पढ़ने वालों के सामने दोहरी मार पड़ी है। एक तो उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब है और दूसरे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उनके सामने लैपटॉप, इंटरनेट/वाईफाई की समस्या है। गाँवों में तो इंटरनेट की स्पीड भी सही नहीं आती है। ऐसे में उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती और परीक्षा में फ़ेल होने का डर बना रहता है।
तेलंगाना की ऐश्वर्या के सामने भी यही दिक्कत थी। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि बीएससी गणित (ऑनर्स) की छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी ने 2 नवंबर को शादनगर में अपने घर में आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट के अनुसार ऐश्वर्या के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह पढ़ने में काफ़ी अच्छी थीं और उन्होंने 12वीं में 98.5 फ़ीसदी अंक लाए थे। उन्होंने कहा कि उसने तेलुगु भाषा में सुसाइड नोट छोड़ा है। नोट में लिखा हुआ है,
'मेरे कारण मेरा परिवार कई आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहा है। मैं अपने परिवार के लिए बोझ हूँ। मेरी शिक्षा एक बोझ है। यदि मैं पढ़ाई नहीं कर सकती, तो मैं जीवित नहीं रह सकती।'
ऐश्वर्या ने अपने परिवार की जिस आर्थिक स्थिति की ओर इशारा किया है उसके बारे में उनका परिवार विस्तार से बताता है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, ऐश्वर्या के पिता श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि जब ऐश्वर्या को पिछले साल उस प्रतिष्ठित कॉलेज में प्रवेश मिला तो उन्होंने अपने एक बेडरूम वाले घर को 2 लाख रुपये में गिरवी रख दिया था। उन्होंने कहा, 'मैं अभी भी उधार चुका रहा हूँ।'
ऐश्वर्या के पिता ने मार्च महीने में ही मोटरसाइकिल मरम्मत की अपनी दुकान खोली थी। लॉकडाउन के कारण उन्हें एक महीने के भीतर उसे बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हालाँकि दुकान फिर से खुली लेकिन धंधा मंदा हो गया।
उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी कॉलेज बंद होने के बाद फरवरी में घर लौटी थी। अक्टूबर में, उसने पूछा कि क्या मैं उसके लिए एक लैपटॉप खरीद सकता हूँ क्योंकि ऑनलाइन कक्षाएँ शुरू हो गई थीं और उसे अपने फ़ोन से उसमें शामिल होना मुश्किल हो रहा था। उसने कहा कि सेकंड हैंड लैपटॉप भी चलेगा। मैंने उससे कहा कि कुछ दिन रुक जाओ। उसने फिर नहीं माँगा। कुछ दिनों बाद उसने बताया कि उसे मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि में देरी हुई है।'
ऐश्वर्या विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की INSPIRE छात्रवृत्ति की हकदार थीं। उनके नोट में कहा गया है- 'सुनिश्चित करें कि INSPIRE छात्रवृत्ति कम से कम एक वर्ष के लिए दी जाए।'
हालाँकि उनके पिता ने कहा है कि छात्रवृत्ति में देरी हो रही थी, लेकिन अगस्त में ऐश्वर्या को मिले एक पत्र से संकेत मिलता है कि छात्रवृत्ति प्रक्रिया पूरी होने में अभी समय था। उस पत्र में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2020 से पहले बैंक खाते के विवरण और आधार कार्ड की प्रतिलिपि पेश करने पर ही उन्हें छात्रवृत्ति के 80 हज़ार रुपये का वार्षिक फंड मिलेगा।
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