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आबकारी नीति: केसीआर की बेटी कविता को CBI का समन, होगी पूछताछ

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के मामले में सीबीआई ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और एमएलसी के. कविता को समन भेजा है। सीबीआई ने उनसे 6 दिसंबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है। उन्हें इस बात की छूट दी गई है कि वह अपनी सुविधा के मुताबिक या तो दिल्ली स्थित सीबीआई के मुख्यालय में पूछताछ के लिए आ सकती हैं या फिर सीबीआई के हैदराबाद में स्थित दफ्तर पर।

सीबीआई के द्वारा कविता को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि इस मामले की जांच के दौरान कुछ तथ्य सामने आए हैं और हो सकता है कि आपको इस बारे में जानकारी हो इसलिए ऐसे तथ्यों की जांच करनी जरूरी है।

नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कविता ने कहा कि उन्होंने सीबीआई के अफसरों से कहा है कि वे 6 दिसंबर को उनसे हैदराबाद में स्थित उनके आवास पर आकर मिल सकते हैं। 

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बताना होगा कि विवाद होने के बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को वापस ले लिया था। इससे पहले दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस मामले में तेलंगाना की कुछ कंपनियां भी सीबीआई के रडार पर हैं। 

ईडी ने किया नाम जांच में शामिल 

ईडी ने बुधवार को आबकारी नीति के मामले में कारोबारी अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया था। अमित अरोड़ा के बयानों के आधार पर ईडी ने दावा किया है कि कविता दक्षिण के एक ग्रुप की अहम सदस्य थीं और इस ग्रुप ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी।  

ईडी ने कहा है कि यह रिश्वत आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी विजय नायर के जरिए दी गई थी। विजय नायर को भी आबकारी नीति के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 

बीजेपी ने लगाए थे आरोप

इस साल अगस्त में बीजेपी के नेता प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया था कि के. कविता की भी केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति में भूमिका थी। हालांकि कविता ने इन आरोपों को दरकिनार किया था और कहा था कि वह इस मामले में मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी। 

ईडी ने कहा है कि अमित अरोड़ा ने जांच के दौरान इस बात को स्वीकार किया है कि दक्षिण के इस ग्रुप का नियंत्रण अरबिंदो फार्मा के शरथ रेड्डी, के. कविता और एम. श्रीनिवासुलू रेड्डी के हाथ में था। ईडी ने यह भी कहा है कि कविता ने 2021 से 2022 के बीच 6 बार अपना मोबाइल फोन बदला था। 

ईडी ने कहा है कि इस मामले में कम से कम 36 अभियुक्त या संदिग्ध लोग ऐसे हैं जिन्होंने कुल 170 मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे। इसमें से ईडी अभी तक 17 मोबाइल फोन को रिकवर कर चुकी है। 

CBI summons KCR Daughter K Kavitha in delhi excise policy case - Satya Hindi

'सरकार को अस्थिर कर रही बीजेपी' 

इस मामले में के. कविता ने कहा था कि बच्चा-बच्चा जानता है कि मोदी से पहले जांच एजेंसी ईडी आती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि वह उन्हें जेल में डाल कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि आप केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर चुनाव नहीं जीत सकते हैं। के. कविता ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पिछले 8 सालों में 9 राज्यों की सरकारों को अस्थिर किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी तेलंगाना की केसीआर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है और उसे बदनाम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगी। 

बताना होगा कि तेलंगाना में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और वहां केसीआर की भारत राष्ट्र समिति और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है। 

CBI summons KCR Daughter K Kavitha in delhi excise policy case - Satya Hindi

सीबीआई ने कुछ महीने पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी बताया था। 

सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि ये तीनों शराब लाइसेंस धारियों से इकट्ठा किए गए धन को मैनेज करने और इसे डाइवर्ट करने के काम में शामिल थे। ईडी ने इस मामले में सीबीआई के द्वारा अगस्त में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर सितंबर में केस दर्ज कर लिया था। 

कुछ दिन पहले सीबीआई और ईडी ने आबकारी नीति के मामले में चार्जशीट दायर की थी। लेकिन दोनों एजेंसियों की ओर से दायर की गई चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था। ऐसे में सवाल उठा था कि आखिर मनीष सिसोदिया का नाम इनमें क्यों नहीं है जबकि एजेंसियों की ओर से मनीष सिसोदिया के घर, उनके बैंक लॉकर की छापेमारी की गई और उनसे पूछताछ भी की गई। 

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भ्रष्टाचार का आरोप

बीजेपी का कहना है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि यह पूरा मामला फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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