तमिलनाडु ने कोरोना रैपिड टेस्ट किट का जो ऑर्डर चीन को दिया था, वह कनसाइनमेंट बीच में ही उड़ा दिया गया और वे किट अमेरिका पहुँच गए।
तमिलनाडु के मुख्य सचिव के. शनमुगम ने खुले आम यह आरोप लगाया है।
उन्होंने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तमिलनाडु ने अलग से 1 लाख रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट किट का ऑर्डर चीन की एक कंपनी को दिया था।
कनसाइनमेंट उड़ा दिया गया?
चीनी कंपनी ने कहा था कि इसकी तुरन्त बहुत ज़रूरी है तो वह 50 हज़ार टेस्ट किट तुरन्त दे देगा और बाकी 50 हज़ार कुछ दिनों के बाद दे दिया जाएगा। पर वह कनसाइनमेंट चीन चला गया।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब अमेरिका पर कोरोना से लड़ने के लिए ज़रूरी उपकरण चुराने, तस्करी कराने या बीच में माल उड़ा देने का आरोप लगा है।
ब्रिटेन से छपने वाले अख़बार 'द इंडीपेंडेंट' ने 2 अप्रैल को छपी एक ख़बर के हवाले से कहा था कि फ्रांस ने 2 लाख मास्क का जो ऑर्डर चीन को दिया था, वह थाईलैंड हवाई अड्डे से गायब हो गया और बाद में चीन पहुँच गया।
इसी अखबार ने 3 अप्रैल को छपी एक ख़बर के आधार पर कहा था कि जर्मनी ने पाँच लाख पर्सनल प्रोटेक्टिव किट का ऑर्डर एक चीनी कंपनी को दिया था। वह भी गायब हो गया और बाद में चीन पहुँच गया।
ट्रंप की धमकी
अमेरिका ने इसी तरह कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा भारत से माँगी और सीधे शब्दों में धमकी दे दी कि यदि यह दवा नहीं मिली तो वह भारत के ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करेगा। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन कर दवा देने को कहा। उस समय तक भारत ने क्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी क्योंकि इसे ख़ुद यह दवा कोरोना से लड़ने के लिए चाहिए थी।
जब ट्रंप ने खुली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदले की कार्रवाई की चेतावनी दी, कुछ घंटों के अंदर ही मोदी सरकार ने क्लोरोक्वीन के निर्यात पर लगी रोक हटा ली। भारत अमेरिका को 2.90 करोड़ क्लोरोक्वीन टिकिया देने को राज़ी हो गया।
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