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गवर्नर आर एन रवि।

तमिलनाडुः डीएमके और राज्यपाल की लड़ाई पुलिस तक क्यों पहुंची 

डीएमके और तमिलनाडु के राज्यपाल के बीच जंग अब पुलिस तक पहुंच गई है। राज्यपाल आरएन रवि के दफ्तर ने चेन्नै पुलिस में एक शिकायत दर्ज कर सत्तारूढ़ डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है। जिसमें राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने पर डीएमके नेता पर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत तमिलनाडु के राज्यपाल के उप सचिव ने दर्ज कराई थी।

तमिलनाडु बीजेपी ने मामले को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखा और तत्काल कार्रवाई की मांग की। बीजेपी ने एक बयान में कहा - डीएमके हमेशा 'अपमानजनक' राजनीति में लिप्त रही है। उन्होंने हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं को गाली दी है। हमने तमिलनाडु के डीजीपी को तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा है। बीजेपी ने कहा कि चुनाव में लोग डीएमके को करारा जवाब देंगे।

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तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, मुख्यमंत्री स्टालिन को सामने आना चाहिए सारी बात स्पष्ट करना चाहिए। क्योंकि डीएमके का कोई भी नेता माफी के साथ सामने नहीं आया है और अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मुझे यकीन है कि लोग उन्हें अगले चुनावों के दौरान एक करारा सबक सिखाएंगे।

डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने शुक्रवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया।

कृष्णमूर्ति ने गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, अगर राज्यपाल अपने विधानसभा भाषण में आम्बेडकर का नाम लेने से इनकार करते हैं, तो क्या मुझे उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है? कृष्णमूर्ति ने कहा, यदि आप (राज्यपाल) तमिलनाडु सरकार द्वारा दिए गए भाषण को नहीं पढ़ते हैं, तो कश्मीर जाएं और ताकि आतंकवादी आपको मार कर गिरा सकें।
सीएम स्टालिन ने राज्यपाल पर ऐसा भाषण देने का आरोप लगाया जो कैबिनेट से मंजूर होने के बावजूद पढ़ा नहीं गया।

भाषण विवाद को लेकर कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों और अन्य सहयोगी सदस्यों ने शुक्रवार को टीएन राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। 
तमिलनाडु के विधायक थिरु एन इरामाकृष्णन ने बुधवार को राज्यपाल आरएन रवि के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' पेश किया, जिसमें उनकी कार्रवाई पर 'खेद' शब्द का उल्लेख किया गया है।
बुधवार, 9 जनवरी को, राज्यपाल ने अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने वो भाषण पढ़ा नहीं जो तमिलनाडु सरकार ने दिया था। राज्यपाल के भाषण से आम्बेडकर का जिक्र गायब था जबकि सरकार ने आम्बेडकर के योगदान की बात भाषण में की थी लेकिन राज्यपाल ने उस अंश को पढ़ा ही नहीं। राज्यपाल राज्य के लिए 'थमिज़गम' नाम का उल्लेख भी किया था। डीएमके भी इससे सहमत नहीं थी।
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पिछले सोमवार को सदन के उद्घाटन सत्र में संबोधन के दौरान राज्यपाल रवि की टिप्पणी ने विशेष रूप से सत्ता पक्ष के लोगों को नाराज कर दिया था। इस पर सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगी दलों कांग्रेस के विधायकों ने राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और बहिष्कार कर दिया।
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क़मर वहीद नक़वी
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