तमिलनाडु में बाप-बेटे (पी. जेयाराज और जे. बेनिक्स) की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत के बाद लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। घटना तूतूकुड़ी के सातनकुलम कस्बे की है। तमिलनाडु में इसे लेकर जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। सख़्त लॉकडाउन के बाद भी बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। तमिलनाडु ट्रेडर्स एसोसिएशन ने आह्वान किया है कि बुधवार को पूरे राज्य में दुकानें बंद रहेंगी।
पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने जेयाराज और बेनिक्स के साथ बर्बरता की है।
घटना पर आक्रोश जाहिर करते हुए कई व्यापारिक संगठनों, राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि पीड़ित परिजनों के परिवार वालों को 50 लाख रुपये की मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
मंगलवार को तूतूकुड़ी जिले के सातनकुलम, उडानगुडी और पेईकुलम में व्यापारियों ने पुलिस पर बर्बरता करने का आरोप लगाते हुए दुकानों को बंद रखा। भारी तनाव को देखते हुए जिले के एसपी अरूण बालागोपालन और कलेक्टर संदीप नांदुरी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। मामले में कार्रवाई करते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित और एक इंस्पेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया है।
इस बीच, मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने आदेश दिया है कि तीन डॉक्टरों की टीम बाप-बेटे के शवों का पोस्टमार्टम करे और इसकी वीडियोग्राफ़ी कराई जाए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा है कि यह विडंबना है कि जिन लोगों पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वे अत्याचारी बन गए। राहुल ने पीड़ित परिवार के प्रति सांत्वना व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से उन्हें न्याय दिलाने की अपील की है।
तूतूकुड़ी की सांसद कनिमोझी ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है।
तमिलनाडु के विपक्षी दलों ने इस मामले में राज्य की पलानिस्वामी सरकार को घेरा है और जवाब देने को कहा है। राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष के.एस.अलागिरी ने घटना की निंदा की है। एमडीएमके के महासचिव वाइको और टीएमसी (एम) के अध्यक्ष जी.के.वासन ने दोषी पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा है।
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