चेन्नई में कोरोना पॉजिटिव न्यूरोसर्जन डॉक्टर के शव को दफनाने गए लोगों पर भीड़ ने हमला कर दिया। यह घटना रविवार रात को हुई। इसके बाद पुलिस की भारी मौजूदगी में रात 1.30 बजे शव को दूसरे कब्रिस्तान ले जाकर दफनाया गया। बीते हफ़्ते आंध्र प्रदेश में भी ऐसी ही घटना हुई थी।
55 वर्षीय डॉक्टर अपना प्राइवेट अस्पताल चलाते थे। कोरोना से मौत होने के बाद जब उनके शव को रविवार रात को किलपुक इलाक़े के नजदीक स्थित चेन्नई नगर निगम के कब्रिस्तान ले जाया गया तो वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने डॉक्टर के शव को यहां दफनाने का विरोध किया।
अंग्रेजी अख़बार ‘द हिंदू’ के मुताबिक़, डॉक्टर प्रदीप कुमार ने बताया कि चेन्नई नगर निगम की ओर से शव को दफनाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन जैसे ही हम लोग कब्रिस्तान पहुंचे, 200 लोग वहां पहले से मौजूद थे और उन्होंने शव को दफनाने का विरोध शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया, ‘नगर निगम के अफ़सरों ने हमसे किसी दूसरे कब्रिस्तान में शव को दफनाने के लिए कहा। इस दौरान डॉक्टर के परिवार के लोग और नगर निगम के कुछ कर्मचारी ही हमारे साथ थे।’ इसके बाद पुलिस को बुलाया गया।
इसके बाद वे लोग शव को लेकर अन्ना नगर के कब्रिस्तान पहुंचे। डॉक्टर प्रदीप कुमार ने बताया, ‘यहां जैसे ही गड्ढा खोदना शुरू किया गया अचानक से 50 से 60 लोगों ने हम पर हमला कर दिया। उन्होंने हम पर पत्थर और डंडे फेंके। हमें वहां से जान बचाकर भागना पड़ा। हम में से कुछ लोग घायल हो गए।’
उन्होंने बताया कि अस्पताल की एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ की गयी लेकिन हम जैसे-तैसे उसी एंबुलेंस से वापस लौटे। अन्ना नगर पुलिस ने इस मामले में दर्जन भर से ज़्यादा लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है और उनकी गिरफ़्तारी की जा रही है।
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