पिछले छह सालों में कई बड़े नेता कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह गए। कुछ अभी भी पार्टी में हैं, जो असंतुष्ट हैं और उनके बारे में अटकलें लगती रहती हैं कि वे भी देर-सवेर जा सकते हैं। नेतृत्व संकट को लेकर पार्टी में घमासान हो ही चुका है हालांकि हाथरस गैंगरेप और कृषि क़ानूनों के पुरजोर विरोध के बाद पार्टी को थोड़ी ऑक्सीजन मिलती दिखाई दे रही है। लेकिन नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना जारी है, भले ही इसका कारण उनका सियासी स्वार्थ हो या कांग्रेस नेतृत्व की उन्हें रोक पाने में अक्षमता।