तमिलनाडु के एक मंदिर में दलितों के प्रवेश को एक ऐतिहासिक कदम के रूप में क्यों देखा जा रहा है? इस सवाल का जवाब इस तथ्य से मिल सकता है कि अनुसूचित जाति के एक समुदाय के लोगों को लगभग आठ दशकों तक उस मंदिर में प्रवेश से वंचित रखा गया था। तिरुवन्नामलाई जिले में स्थित उस मंदिर में पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा उन दलितों को पूजा के लिए ले जाया गया।
'प्रतिबंध' तोड़ 200 दलितों ने तमिलनाडु के मंदिर में किया प्रवेश
- तमिलनाडु
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- 29 Mar, 2025
दशकों तक तमिलनाडु के जिस मंदिर में प्रवेश नहीं मिला, अब 200 से ज़्यादा दलितों ने प्रवेश किया। जानिए यह सब कैसे संभव हो पाया।

मंदिर में दलितों का प्रवेश इतना आसान भी नहीं था। इसके लिए ख़ास तैयारी करनी पड़ी थी। तिरुवन्नमलाई जिला प्रशासन के प्रयास से इसके लिए इलाक़े के प्रमुख समुदाय के प्रमुखों के साथ कई दौर की बैठकें हुईं। दलितों के मंदिर में प्रवेश के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए मंदिर के बाहर भारी पुलिस बलों की तैनाती भी की गई थी।