शहीदे आज़म भगत सिंह का आज जन्मदिन है। सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कर श्रद्धांजलि देने वाले लोग क्या जानते हैं कि उनकी क्या विचारधारा थी और सांप्रदायिकता को वह कैसे देखते थे?
भारत में सांप्रदायिक दंगे क्यों होते हैं, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है और इसका सबसे ज़्यादा नुक़सान कौन भुगतता है? यदि सांप्रदायिक दंगे न हों तो देश में कैसे हालात होंगे, पढ़िए शहीद भगत सिंह ने क्या लिखा था।
आज यानी 23 मार्च को भगत सिंह को फांसी पर चढ़ाया गया था। भगत सिंह भगत सिंह कैसे बने? किताबों ने। किताबों से उनका गहरा लगाव था। भगत सिंह के मित्रों में से एक शिव वर्मा ने लिखा है कि भगत सिंह हमेशा एक छोटा पुस्तकालय लिए चलते थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शहीद भगत सिंह और नेताजी की मूर्तियों को वी डी सावरकर की मूर्ति के साथ एक ही पीठिका पर रखने का दुस्साहस किया गया। क्या भगत सिंह और नेताजी से सावरकर की तुलना की जा सकती है?