सरकार के ये कहने का क्या मतलब है कि पीएम केयर्स फंड सरकारी नहीं है? वह इसे ग़ैर सरकारी फंड कैसे कह सकती है जबकि ये प्रधानमंत्री के नाम पर है और तीन केंद्रीय मंत्री इसके ट्रस्टी हैं? इसे ग़ैर सरकारी फंड बताने के पीछे सरकार की नीयत क्या है? वह इस फंड के मामले में पारदर्शिता क्यों नहीं बरतना चाहती? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-एन. के. सिंह, अशोक वानखेड़े, विजय त्रिवेदी, दिनेश द्विवेदी और सतीश के. सिंह