वैज्ञानिक नाराज़, नई शिक्षा नीति को समझाएगी RSS से जुड़ी संस्था। जो काम सरकार को करना चाहिए वो अब RSS क्यों करेगा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट।
नई शिक्षा नीति में ज़ोर दिया गया है लेकिन अगर सरकार पांडुलिपियों को लेकर गंभीरता से काम करना चाहती है तो उसको पांडुलिपि मिशन को भंग करके राष्ट्रीय पांडुलिपि प्राधिकरण जैसी संस्था का गठन करना होगा।
नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश किया गया है। स्कूली तालीम से लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय तक की शिक्षा पर गंभीरता से सोचा गया है। पर यह दलदल में बरगद की छाँव का धोखा है।
भारत सरकार ने क़रीब 34 साल बाद देश में नयी शिक्षा नीति की घोषणा की है और साथ ही यह वादा किया है कि वह इसके लिए देश की जीडीपी का छह फ़ीसदी हिस्सा ख़र्च करेगी। क्या इससे बदलेंगे हालात?