नई शिक्षा नीति का सबसे पहले तो इसलिए स्वागत है कि उसमें मानव-संसाधन मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय नाम दे दिया गया। मनुष्य को ‘संसाधन’ कहना तो शुद्ध मूर्खता थी। जब नरसिंहराव जी इसके पहले मंत्री बने तो मैंने शपथ के बाद राष्ट्रपति भवन में उनसे कहा कि इस विचित्र नामकरण को आप क्यों स्वीकार कर रहे हैं? उनके बाद मैंने यही प्रश्न अपने मित्र अर्जुन सिंह जी और डाॅ. मुरली मनोहर जोशी से भी किया लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार को बधाई कि उसने इस मंत्रालय का खोया नाम लौटा दिया।