भारत सरकार ने क़रीब 34 साल बाद देश में नयी शिक्षा नीति की घोषणा की है और साथ ही यह वादा किया है कि वह इसके लिए देश की जीडीपी का छह फ़ीसदी हिस्सा ख़र्च करेगी। देश में सरकार की योजनाएँ और दावे हमेशा ही आकर्षक होते हैं इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। योजनाओं में अंत्योदय यानी अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुँचाने की बात कही जाती है लेकिन आज तक शायद ही कोई ऐसी योजना हो जिसने यह कर दिखाया हो। वैसे, मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय निर्माण करने की योजना की भी घोषणा की थी। इस योजना के तहत जियो और मणिपाल यूनिवर्सिटी को एक-एक हज़ार करोड़ रुपये देने की घोषणा हुई थी। लेकिन इन दोनों विश्विद्यालयों का क्या हुआ यह अभी तक पता नहीं चला है।