भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सांसद बने सुभाष चंद्रा ने मुंबई में कफ परेड स्थित अपने बंगले को चीनी वाणिज्य दूतावास को किराए पर दे दिया है। रियल एस्टेट क्षेत्र की वेबसाइट स्क्वायरफ़ीट ने यह ख़बर प्रकाशित की है। समझौते पर 29 जून को हस्ताक्षर किए गए थे। किराया अवधि 1 जुलाई, 2020 से शुरू हुई। इस प्रॉपर्टी का प्रति माह किराया 4.90 लाख रुपये है।
इस समझौते पर 29 जून को सुभाष चंद्रा के वकील भाऊ पाटिल आरोटे और ‘द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना’ के महावाणिज्य दूतावास के हुआंग जियांग के बीच हस्ताक्षर किए गए। मुंबई में चीनी महावाणिज्य दूतावास, जॉली मेकर 1 में स्थित बंगले में खुला है। यह सौदा 1 जुलाई, 2020 को मुंबई में रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत भी कराया गया है। 15 जून को सुभाष चंद्रा ने लीव एन्ड लाइसेंस के काम को अंजाम देने के लिए भाऊ पाटिल आरोटे को एक विशेष पावर ऑफ़ अटॉर्नी प्रदान की।
चीन और भारत के बीच संबंध पिछले कुछ दिनों से बिगड़ते जा रहे हैं। विशेषकर गलवान घाटी में संघर्ष के बाद, जहाँ 15 जून को ख़ूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के इस कृत्य की न सिर्फ़ राजनेताओं ने बल्कि देश के अनेक क्षेत्रों की हस्तियों और आम जनता ने भी निंदा की थी।
आनंद महिंद्रा जैसे उद्योगपति ने ट्विटर हैंडल से टिप्पणी की थी। उद्योगपति सज्जन जिंदल ने चीन से सस्ते आयात के ख़िलाफ़ ट्वीट किया तथा हमारे अपने घरेलू विक्रेताओं को विकसित करने के लिए कहा।
मुंबई में चंद्रा और चीनी वाणिज्य दूतावास के बीच जो किराया समझौता हुआ है उसके मुताबिक़, बंगले का प्रति माह किराया 4.90 लाख रुपये है। बंगले का कारपेट एरिया 2590 वर्ग फुट है और चीनी वाणिज्य दूतावास को दो कवर पार्किंग का उपयोग करने के लिए भी मिलेगा। किराया समझौता दो साल के लिए 1 जुलाई, 2020 से शुरू होकर 30 जून, 2022 को समाप्त होगा। लॉक-इन अवधि नौ महीने के लिए है और समझौते को समाप्त करने के लिए प्रत्येक पार्टी को तीन महीने की नोटिस अवधि देनी होगी। चीनी वाणिज्य दूतावास ने एक चेक के माध्यम से सुभाष चंद्रा को 58.80 लाख रुपये का भुगतान भी किया। इस राशि में नौ महीने का अग्रिम किराया और 14.70 लाख रुपये का रिफंडेबल डिपॉजिट शामिल है।
बंगले के भूतल में एक बैठक का कमरा और एक रसोईघर है, पहली मंज़िल में तीन बेडरूम और एक बच्चे का बेडरूम है। जबकि दूसरी मंज़िल में एक बेडरूम है। बंगले का इस्तेमाल चीनी वाणिज्य दूतावास अपने अधिकारियों, कर्मचारियों और मेहमानों के साथ ही आवासीय उद्देश्यों के लिए कर सकता है। इस समझौते में एक कूटनीतिक खंड भी है, जिसमें कहा गया है, ‘यदि चीन गणराज्य या भारत सरकार के द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय के परिणाम स्वरूप चीन के जनवादी गणराज्य के महावाणिज्य दूतावास का कार्यालय बंद हो जाता है, मुंबई में किसी भी समय (लॉक-इन-पीरियड सहित) समझौता समाप्त हो जाएगा।’
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