क्या 2013 की मुज़फ़्फ़रनगर हिंसा में पीड़ित लोगों को न्याय मिला? और यदि मिला तो कितना मिला? 2017 के बाद से मुज़फ़्फ़रनगर की अदालतों ने दंगों से जुड़े 41 मामलों में फ़ैसले सुनाए हैं। इनमें से 40 मामलों में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। क्यों हुआ ऐसा?