'द अनबियरेबल लाइटनेस ऑफ बीइंग' के लेखक और प्रसिद्ध साहित्यकार मिलान कुंदेरा को दुनिया भर में किस रूप में जाना जाता है और अब उन्हें किस रूप में याद किया जाएगा?
साहित्य के लिए 2022 कैसा रहा? सुर्खियों में साहित्यकार गीतांजलिश्री रहीं तो सलमान रुश्दी भी रहे। कोरोना काल के बाद साहित्य की दुनिया में फिर से क्या उस तरह की हलचल हुई जैसी कोरोना से पहले हुआ करती थी?
हिन्दी के बड़े आलोचकों में शुमार प्रोफेसर मैनेजर पांडेय का रविवार 6 नवंबर को निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कौशल किशोर ने उन्हें यह लेख लिखकर श्रद्धांजलित दी है। कौशल किशोर, कवि, समीक्षक, संस्कृतिकर्मी व पत्रकार हैं। वे जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास टूम ऑफ सैंड अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट की गई हिंदी भाषा की पहली कृति थी और पुरस्कार जीतने वाली भी यह पहली कृति बन गई।
निर्मल वर्मा के कालजयी उपन्यास 'एक चिथड़ा सुख' पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन ने एक बेहद सारगर्भित टिप्पणी 'कथादेश' के लिए लिखी थी। रेणु की 'परती परिकथा' को साथ में याद करते हुए। अर्थ और व्यर्थ के बीच जीवन का मर्म तलाशने की कोशिश।