असमिया के प्रतिष्ठित कवि नीलिम कुमार ने कल्पना भी नहीं की होगी कि विनोद-भाव या कुछ शरारत से लिखी गयी उनकी कविता पर इतना बवाल मचेगा कि उन्हें जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगेंगी, कई एफ़आईआर दर्ज हो जायेंगी और उन्हें बार-बार सफ़ाई देनी पड़ेगी। लेकिन हमारे देश में यह असहिष्णुता और आक्रामकता का दौर है, लिहाज़ा नीलिम की कविता पर हंगामा जितना दुर्भाग्यपूर्ण है, उतना आश्चर्यजनक नहीं।