एक के बाद एक जेडीयू नेता मुसलमानों को लेकर विवादास्पद बयान क्यों दे रहे हैं? क्या वे नीतीश को नुक़सान पहुँचाना चाहते हैं? क्या वे बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ललन सिंह को उनके पद से हटा दिया है। नीतीश अब खुद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं।
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए नीतीश दिल्ली पहुंच चुके हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह के इस्तीफे की खबर को खारिज कर दिया है ।
क्या नीतीश कुमार 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ललन सिंह को जेडीयू प्रमुख के पद से हटाने पर विचार कर रहे हैं। बिहार में यह चर्चा गरम है। बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन ललन सिंह को हटाने का फैसला नीतीश क्यों कर सकते हैं, वो जानना दिलचस्प है।
खुद को चुनावी रणनीतिकार कहने वाले प्रशांत किशोर उर्फ पीके को जेडीयू ने बिजनेसमैन बताया है। पीके जेडीयू में फिर से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। जेडीयू चीफ ललन सिंह ने शनिवार 17 सितंबर को उन पर कड़ा हमला बोला है।
क्या बिहार में नीतीश कुमार के जेडीयू और बीजेपी गठबंधन के बीच अब फिर से तनातनी नई ऊँचाई पर पहुँच गई है? जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने साज़िश रचने का आरोप क्यों लगाया?
नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का मन पहले ही बना लिया था। ललन सिंह के नाम का औपचारिक एलान भले 31 जुलाई को हुआ हो, लेकिन इसकी पटकथा तो सात जुलाई को ही लिखी गई।