अमेरिका अब अवैध प्रवासियों को अपने सैन्य विमान से नहीं भेजेगा। क्योंकि सैन्य विमान से भेजने पर खर्चा बहुत आ रहा था। अभी यह साफ नहीं है कि यह घोषणा स्थायी रूप से की गई है या अस्थायी है।
अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर यूएस से आया तीसरा विमान भी अमृतसर में उतर चुका है। पहली फ्लाइट के आने पर बदसलूकी की जो कहानियां सामने आई थीं, उसमें कोई कमी नहीं आई है। हालांकि अभी जब पीएम मोदी 13 फरवरी को राष्ट्रपति ट्रम्प से मिले थे तो हालात बेहतर होने की उम्मीद दिखी थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन में भी अवैध प्रवासियों की धरपकड़ शुरू हो गई है। छोटे-छोटे स्टोरों, भारतीय रेस्टोरेंट में बड़े पैमाने पर भारतीय वहां काम कर रहे हैं। इनमें अवैध भारतीयों की तादाद ज्यादा है। लेकिन ये छापे क्यों मारे जा रहे हैं, इसके कारण जानना भी जरूरी है।
यूएस ने प्रवासी भारतीयों को हथकड़ी बेड़ी लगाकर भारत भेजा। संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों को हथकड़ी-बेड़ी नहीं लगाई गई। लेकिन लवप्रीत कौर ने बताया कि उन्हें हथकड़ी लगाई गई। सवाल ये है कि क्या इस मुद्दे पर विदेशमंत्री ने झूठ बोला है।
यूएस से भेजे गए अवैध प्रवासियों को हथकड़ी बेड़ी लगाने की गुरुवार को विपक्ष ने एक सुर में निन्दा की, प्रदर्शन किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाब दिया। उन्होंने सब कुछ बताया लेकिन सरकार की ओर से यूएस राष्ट्रपति ट्रम्प या अमेरिकी सरकार की निन्दा नहीं की। कोलंबिया जैसे देश से भी भारत ने सीख नहीं ली।
अमेरिका से बदहाल हालत में लौटे अवैध भारतीय प्रवासियों के मामले ने तूल पकड़ लिया है। संसद के अंदर और बाहर विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए प्रदर्शन किया। कुछ सांसदों ने विरोध में हाथों में हथकड़ियां भी पहन रखी थीं।
अमेरिका से घर लौटे अवैध भारतीयों प्रवासियों की कहानियां दर्दनाक हैं। हर एक कि अलग-अलग कहानी है लेकिन सभी को ट्रेवेल एजेंटों ने धोखा दिया है। उन्हें हथकड़ी-बेड़ी में जकड़ा गया और उसे अमृतसर में उतरने पर खोला गया। सिर्फ बच्चों को हथकड़ी-बेड़ी नहीं डाली गई थी।