हाल के वर्षों में दलबदलुओं से परेशान रहने वाली कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने अब दलबदलू विधायकों को लेकर कड़ा क़ानून बनाने की शुरुआत की है। जानिए, आख़िर विधेयक में क्या प्रावधान है।
कई राज्यों में सत्ता पाने के लिए जिस तरह विधायकों को पैसा ,प्रलोभन और ईडी सीबीआई से धमका कर सत्तारूढ़ दल अपने पक्ष में कर रहा है उससे दलबदल कानून बेमतलब हो गया है इस कानून को खत्म क्यों नहीं कर देते .आज की जनादेश चर्चा .
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के सामने जो मौजूदा संकट है उसमें विधानसभा के उपाध्यक्ष की आख़िर क्या भूमिका है? जानिए, बागी विधायकों पर वह क्या-क्या फ़ैसला ले सकते हैं।
हमें देश में संसदीय प्रजातंत्र को क़ायम रखना है तो यह प्रावधान लागू करना होगा कि यदि कोई विधायक या सांसद दल बदल विरोधी क़ानून के अंतर्गत अयोग्य घोषित होता है तो उसकी अगले 5 वर्षों तक नियुक्ति नहीं होनी चाहिये।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुझाव दिया है कि विधानसभा सदस्यों को अयोग्य क़रार देने का अधिकार एक स्वतंत्र निकाय के पास हो। हालाँकि, यह काम कोर्ट ने संसद पर छोड़ दिया है।